प्याज एक महत्वपूर्ण सब्जी और मसाला फसल है. इसमें थोड़ी मात्रा में प्रोटीन और कुछ विटामिन भी होते हैं. प्याज में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. प्याज का उपयोग सूप, अचार और सलाद के रूप में किया जाता है. भारत के प्याज उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, तमिलनाडु, एमपी, आंध्र प्रदेश और बिहार प्रमुख हैं. मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है. एमपी. भारत में प्याज की खेती मुख्य रूप से खंडवा, शाजापुर, रतलाम, छिंदवाड़ा सागर और इंदौर में की जाती है. आमतौर पर प्याज की खेती सभी जिलों में की जाती है. ऐसे में खास हरियाणा के लिए प्याज की तीन उन्नत क़िस्मों को तैयार किया गया है.
आपको बता दें हरियाणा में किसान बड़े पैमाने पर प्याज की खेती करते हैं. यहां वैज्ञानिक तरीके से प्याज की खेती की जा रही है जिससे किसान मालामाल हो रहे हैं. क्योंकि बाजार में प्याज के अच्छे दाम मिलते हैं. प्याज की खेती करने से पहले किसान प्याज की नर्सरी तैयार करते हैं. यदि किसान वैज्ञानिक तरीके से प्याज की नर्सरी तैयार नहीं करेंगे तो प्याज के उत्पादन में भारी गिरावट आएगी. ऐसे में आइए जानते हैं हरियाणा में प्याज की उन्नत किस्में कौन सी हैं.
हरियाणा के किसान पिछले कई वर्षों से प्याज की नर्सरी तैयार कर रहे हैं. इसलिए वे अपने प्याज के बीज भी खुद तैयार करते हैं. यदि कुछ किसान खुद से बीज तैयार नहीं करते हैं तो वे अपने जिला स्तर पर उद्यान विभाग में जाकर वहां के कृषि विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त कर बीज तैयार कर सकते हैं. या फिर किसान सरकारी बीज भंडार से प्याज की उन्नत किस्म के बीज खरीद भी सकते हैं.
ये भी पढ़ें: गेहूं की बायो फोर्टीफाइड किस्म के फायदे भरपूर, उपज इतनी कि भर जाएगा गोदाम
कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि हरियाणा में प्याज की तीन प्रमुख किस्में हैं. ये तीनों किस्में कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा जारी की गई हैं. इन तीनों किस्मों के नाम कुछ इस प्रकार हैं- हिसार वन, हिसार टू और पूसा रोड. मुख्य रूप से ये तीन किस्में हरियाणा में लगाई जाती हैं. वहीं, कुछ किसान निजी एजेंसियों से भी हाइब्रिड बीज खरीदते हैं. लेकिन बीज खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि कंपनी इसके उत्पादन पर कितनी गारंटी देती है.
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक जो किसान प्याज की नर्सरी तैयार करना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले ट्रैक्टर और कृषि यंत्र की मदद से खेत को अच्छे से तैयार करना चाहिए. हालांकि इसके लिए ऊंचे बेड की आवश्यकता नहीं है, फिर भी मेड़ों को ऊंचा कर लें. जब मिट्टी बहुत अच्छी हो जाए तो खेत में मेड़ बनाकर उसमें क्यारियां बना दें. एक बेड की लंबाई एक मीटर और चौड़ाई तीन मीटर होनी चाहिए. अगर ज्यादा लंबी करी की गई तो किसान को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
प्याज की खेती के लिए नर्सरी तैयार करने की जरूरत होती है. ऐसे में नर्सरी तैयार करने से पहले 1 एकड़ खेत में 10 टन गोबर की खाद डालें. उसके बाद खेत की जुताई करते समय एक एकड़ खेत में एक बोरी यूरिया और एक बोरी डीएपी खाद डालें. इस तरह किसान एक अच्छी नर्सरी तैयार कर सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today