बंपर उत्पादन के बावजूद भी निराश ओडिशा के किसान, धान खरीद की खामियों से हैं परेशान

बंपर उत्पादन के बावजूद भी निराश ओडिशा के किसान, धान खरीद की खामियों से हैं परेशान

ओडि‍शा में इस बार धान का उत्पादन बंपर हुआ है. लेक‍िन, क‍िसान इसके बाद भी परेशान हैं. क‍िसानों की परेशानी धान खरीद केंद्र से जुड़ी खाम‍ियां हैं. आइए जानते हैं क‍ि पूरा मामला क्या है.

Advertisement
बंपर उत्पादन के बावजूद भी निराश ओडिशा के किसान, धान खरीद की खामियों से हैं परेशानबंपर धान उत्पादन के बावजूद निराश है ओडिशा के किसान फोटोः किसान तक

ओडिशा में इस बार धान का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, इसके बावजूद यहां के किसान काफी परेशान हैं. सूबे के गंजम जिले में भी किसानों ने धान की अच्छी पैदावार हासिल की है. लेक‍िन, धान खरीद की प्रक्रिया में आ रही कमी को लेकर किसानों पिसने को मजबूर हो रहे हैं. ओड‍िशा के गंजम जिले में एक दशक से पहले से ही किसान धान खरीद में परेशानियों क सामना कर रहें हैं. रुशिकुल्या रैयत महासभा के कथित सचिव सीमांचल नाहक द्वारा गंजम जिला कलेक्टर दिब्या ज्योति परीदा को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अनुकुल मौसम के कारण राज्य में धान की पैदावार दोगुनी हो गई है.
 
सीमांचल नाहक ने अपने पत्र में कृषि विभाग के आंक़डों का हलावा देते हुए लिखा है कि इस बार जिले में खरीफ धान की पैदावार 60 लाख क्विंटंल से अधिक हुई है. नियमानुसार प्रति एकड़ सिंचित भूमि से 18 क्विंटल और असिंचित भूमि से 12 क्विंटल धान खरीदा जाता है. हालांकि खरीफ सीजन में इस बार किसानों ने धान रोपाई के लिए श्रीविधि का इस्तेमाल किया था, इसके कारण इस बार किसनों ने प्रति एकड़ 26-29 क्विंटल तक का उत्पादन हासिल किया, इससे प्रदेश में धान उत्पादन को गति मिली. 

ये भी पढ़ें- Weather News: देश के कई राज्यों में बदला मौसम, आंधी का अलर्ट जारी
 

गंजम जिले में बढ़ाया गया धान खरीद का लक्ष्य

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ओडिशा के गंजम जिले में पहले 38 लाख क्विंटल धान की खरीद करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 49.5 लाख क्विंटल कर दिया गया. लेक‍िन इसके बावजूद आज तक कई मंडियों में किसान अपनी उपज नहीं बेच पाए हैं. सीमांचल नाहक ने कहा क‍ि धान खरीद की प्रक्रिया में खामियों  के कारण यह समस्या हुई है. अपने पत्र के माध्यम से उन्होंने जिला प्रशासन से रबी सीजन के लिए धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू करने का भी आग्रह किया. इसके अलावा यह भी जानकारी मिली है कि लगभग 1.31 लाख किसानों ने मंडियों में अपना धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया था. इसमे धान की खेती करने वाले 1.06  लाख किसान अपनी उपज पहले भी बेच चुके हैं.

झारखंड में भी धान खरीद में आई कमी

वही झारखंड में इस बार धान की खेती बुरे तौर पर प्रभावित हुई है. पिछले साल सरकार ने 80 लाख टन धान की खरीदारी की थी. पर इस साल कम बारिश के कारण धान की खेती पर व्यापक असर पड़ा है. झारखंड में इस बार 35 लाख टन धान की खरीदारी हो पाई है. कई ऐसे भी धान खरीद केंद्र हैं जहां पर एक भी किसान धान बेचने नहीं आया. इस बार राज्य के 24 में से 22 जिले गंभीर सूखे की संकट का सामना कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-PM Kisan Yojana: जल्द किसानों के खाते में भेजी जा सकती है पीएम किसान की 13वीं किस्त

POST A COMMENT