रबी फसलों का खरीद सीजन अब खत्म होने को है. किसान अब खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी करने लगे हैं. पूरे सीजन किसानों को सरसों का सही दाम नहीं मिला, वो एमएसपी के लिए भी तरसते रहे. लेकिन, अब जब वो अपनी काफी उपज बेच चुके हैं तब जाकर सरसों और के दाम थोड़े बढ़ने शुरू हुए हैं. देश के सबसे बड़े सरसों उत्पादक राजस्थान की कई मंडियों में सरसों का औसत और अधिकतम दाम इसकी एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल के पार चला गया है. इसकी वजह से सरसों के तेल का दाम भी बढ़ गया है. दो सप्ताह में ही इसके थोक दाम में 16 रुपये प्रति किलो की तेजी आ गई है.
सवाल यह है कि आखिर जिस सरसों का अब तक सिर्फ 4000 से 4500 रुपये क्विंटल तक का दाम मिल रहा था, उसका दाम अचानक क्यों बढ़ने लगा है? क्या इसकी कोई अंतरराष्ट्रीय वजह है या फिर घरेलू? अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि सरकारी एजेंसियों की आक्रामक खरीदी ने किसानों को राहत दिलाई है और इस सीजन में सरसों के दाम एमएसपी के करीब या उससे ऊपर पहुंच गए हैं. राजस्थान के टोंक जिले में स्थित मालपुरा मंडी में 26 मई को 2,271 क्विंटल सरसों बिकने के लिए आया था. इसके बाद न्यूनतम दाम 4,700, औसत दाम 5,880 और अधिकतम दाम 6,371 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है.
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ठक्कर का कहना है कि सरसों के दाम के साथ ही इसके तेल का भाव भी बढ़ रहा है. पिछले 15 दिनों में ही सरसों के तेल में 16 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है. सरसों का तेल 1030 रुपये प्रति 10 किलो से बढ़कर 1190 रुपये प्रति 10 किलो पहुंच गया है. यानी थोक में 119 रुपये किलो. हालांकि, सरसों का एमएसपी 5650 रुपये क्विंटल है. अगर इस दाम पर खरीद होती है तो सरसों तेल का दाम कितना होगा? विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य तौर पर सरसों में 33 फीसदी तेल निकलता है. यानी एक क्विंटल में 33 किलो. इस हिसाब से 171 रुपये प्रति किलो का दाम हो तब मानना चाहिए कि सरसों का तेल शुद्ध होगा.
अब यह भी सवाल उठता है कि इस वक्त खाद्य तेलों की ज्यादा मांग नहीं होती. यानी कि शादियों का सीजन न होने और गर्मियों के दिनों में वैसे ही लोग तेल का सेवन कम कर देते हैं. इसके बावजूद दाम क्यों बढ़ रहा है? ठक्कर का कहना है कि सरसों तेलों में अचानक से तेजी आने की वजह कुछ बड़े खिलाड़ियों द्वारा 'खेला' किया जाना है. ऐसा दिख रहा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेलों के दामों में बड़ी वृद्धि नहीं हुई है. लेकिन देसी तेल जिसमें खासकर मूंगफली और सरसों के दामों में बड़ी वृद्धि देखने को मिल रही है.
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