किसानों के लिए बंपर कमाई देने वाली मशरूम प्रजाति की सब्जी बोड़ा बाजार में आ गई है. छत्तीसगढ़ में उगने वाली यह सब्जी 1200 रुपये प्रति किलो कीमत में बिक रही है. सब्जी की खूबियों और पौष्टिक तत्वों की वजह से महंगी होने के बावजूद इसकी जबरदस्त मांग रहती है. इस सब्जी को खरीदने के लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं ओडिशा और तेलंगाना के लोग पहुंच रहे हैं.
छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर की सबसे महंगी सब्जी 'बोड़ा' बस्तर के बाजार में बिकने के लिए पहुंच गई है. एक किलो बोड़ा बाजार में 1200 रुपए में मिल रहा है. यह सब्जी केवल मॉनसून के समय उपलब्ध होती है और अकेले बस्तर भाग में ही मिलती है. इतनी महंगी सब्जी होने के बावजूद बाजार में इसके खाने वाले कम नहीं है. छत्तीसगढ़ के के साथ ही पड़ोसी राज्य ओडिशा, तेलंगाना से भी बड़ी संख्या में लोग इसे खरीदने के लिए पहुंचते हैं.
खास बात है कि यह सब्जी उगाई नहीं जाती बल्कि जंगल साल के पेड़ों के नीचे अपने आप ही उग जाती है. दरअसल, मशरूम की 12 प्रजातियों में बोड़ा भी शामिल है. यह एकमात्र ऐसी प्रजाति है, जो जमीन के ऊपर नहीं बल्कि अंदर तैयार होती है. जैसे ही मानसून की पहली बौछार पड़ती है, बस्तर के घने जंगल से बोड़ा जमीन को फाड़कर बाहर निकलती है. यह दो रंगों सफेद और काले रंग में होती है. सफेद बोड़ा मुलायम होता है तो काला बोड़ा सख्त होता है. हालांकि, दोनों तरह के बोड़ा में पौष्टिकता समान पाई जाती है.
बारिश और उमस का मौसम बोड़ा के पौधे के उगने के लिए अनुकूल होता है. जून-जुलाई में बोड़ा की सबसे ज्यादा उपलब्धता होती है. लोग इसके जायके के दीवाने हैं. बोड़ा खाने में काफी स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है. रिपोर्ट के अनुसार इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों के लिए इसे अचूक दवा माना जाता है. जबकि, कुपोषण और पेट से संबंधित बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए यह बहुत फायदा करता है.
बोड़ा सब्जी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पाया जाता है. बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ बोड़ा के बाजार में आने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्राकृतिक रूप से एक निश्चित अवधि के लिए ही इसका उगना और इसका स्वाद इसे अनोखी सब्जियों में शुमार करता है. इस वर्ष कमजोर आवक के कारण यह बहुत ही महंगे दामों में बिक रहा है. अनुमान है कि इस बार इसकी कीमत में और उछाल आ सकता है.
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