Maharashtra Monsoon: महाराष्‍ट्र में धीमा पड़ा मॉनसून, खरीफ बुवाई में देरी की आशंका, किसान परेशान! 

Maharashtra Monsoon: महाराष्‍ट्र में धीमा पड़ा मॉनसून, खरीफ बुवाई में देरी की आशंका, किसान परेशान! 

Maharashtra Monsoon: राज्‍य में आने वाले दिनों में ज्‍यादा इलाकों में हल्की बारिश होने की उम्मीद है. इस बदलाव से खरीफ सीजन की तैयारियों में देरी होने की संभावना है, खास तौर पर उन इलाकों में जहां प्री-मानसून बारिश के कारण खेत पानी से लबालब हो गए थे. पिछले हफ्ते मराठवाड़ा और मध्य महाराष्‍ट्र में भारी बारिश एक कम दबाव वाले सिस्टम की वजह से हुई थी जो अब कमजोर हो गया है.

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Maharashtra Monsoon: महाराष्‍ट्र में धीमा पड़ा मॉनसून, खरीफ बुवाई में देरी की आशंका, किसान परेशान! Maharashtra Rain: महाराष्‍ट्र में फिलहाल तेज बारिश के आसार नहीं

Maharashtra Monsoon: साउथ वेस्‍ट मॉनसून समय से पहले ही महाराष्‍ट्र में पहुंच गया था. मॉनसून ने 26 मई को ही राज्‍य में एंट्री मार ली थी. कई दिनों तक मॉनसून के बादल जोर से बरसे और रिकॉर्ड बना. लेकिन अब मॉनसून राज्‍य में धीमा पड़ गया है. एक हफ्ते तक हुई तेज बारिश के बाद महाराष्‍ट्र में मौसम शुष्क हो गया है. मौसम विभाग (आईएमडी) ने पूरे राज्य में बारिश की तेजी में उल्लेखनीय गिरावट का अनुमान लगाया है. माना जा रहा है कि इससे राज्‍य में खरीफ की बुवाई पर भी असर पड़ने की पूरी संभावाना है, जानें कैसे. 

खरीफ सीजन होगा प्रभावित 

राज्‍य में आने वाले दिनों में ज्‍यादा इलाकों में हल्की बारिश होने की उम्मीद है. इस बदलाव से खरीफ सीजन की तैयारियों में देरी होने की संभावना है, खास तौर पर उन इलाकों में जहां प्री-मानसून बारिश के कारण खेत पानी से लबालब हो गए थे. पिछले हफ्ते मराठवाड़ा और मध्य महाराष्‍ट्र में भारी बारिश एक कम दबाव वाले सिस्टम की वजह से हुई थी जो अब कमजोर हो गया है. आईएमडी के अनुसार, 6 से 10 जून तक बारिश सामान्य रहेगी, लेकिन अगले 10-15 दिनों तक राज्य के ज्‍यादातर हिस्से में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है. राज्‍य में हवा की गति भी कम हो गई है जिससे आने वाले समय में पर्याप्त बारिश की संभावना कम हो गई है. मई में बहुत ज्‍यादा बारिश के चलते किसानों को काफी परेशानी भी हुई. 

खेतों में जमा है पानी और कीचड़ 

बताया जा रहा है कि  राज्‍य में मई महीने में ही मासिक औसत से करीब दस गुना ज्‍यादा बारिश हुई है. बहुत सारे खेत पानी में डूब गए हैं और कीचड़ से भरे हुए हैं. इसकी वजह से खरीफ से पहले की गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. किसान अब बुवाई के लिए जरूरी वातावरण का इंतजार कर रहे हैं. मिट्टी की सही नमी, जिसमें काली, गहरी मिट्टी में जमने में आमतौर पर 10-15 दिन लगते हैं, किसानों को अब इसका इंतजार है. लेकिन अगर इस शुष्क अवधि के दौरान फिर से तेज बारिश होती है तो बुवाई में और देरी हो सकती है. आईएमडी ने किसानों से सतर्क रहने और अपनी कृषि योजना को अति-स्थानीय पूर्वानुमानों पर आधारित करने की अपील की है. 

कोंकण में भी मॉनसून हुआ धीमा 

कोंकण में, जहां मानसून तेजी से आगे बढ़ा था, बारिश की गतिविधि में तेजी से कमी आई है. तट के साथ कम दबाव का प्रभाव कम हो गया है. अगले तीन दिनों तक छिटपुट बारिश की उम्मीद है. हालांकि, गर्मी की स्थिति बनी रहेगी, और पिछले दो दिनों से इस क्षेत्र में बारिश लगभग बंद हो गई है. राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वादा किया है कि बेमौसम बारिश और तूफान से प्रभावित किसानों को नुकसान का आकलन करने के बाद मुआवजा दिया जाएगा. अप्रैल और मई में हुई बेमौसम बारिश और तूफान ने विदर्भ क्षेत्र के अमरावती समेत कई जिलों में फसलों और फलों के बागों को भारी नुकसान पहुंचाया है. 

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