मिजोरम सरकार ने स्थानीय स्तर पर उगाई जाने वाली 4 फसलों की सर्वाधिक कीमत देकर खरीदने की घोषणा की है. राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार स्थानीय किसानों से चार फसलें खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए खरीद केंद्रों का निर्माण किया गया है, जहां पर किसान तय दाम पर अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे. जबकि, जिलावार मंडियों और गांव स्तर पर किसान समितियां बनाई गई हैं. इन चार फसलों में अदरक, हल्दी, मिर्च और ब्रूमस्टिक को शामिल किया गया है. अगले महीने यानी जनवरी 2025 से खरीद शुरू होगी.
एजेंसी के अनुसार मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व वाली जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) सरकार राज्य में किसानों की सहायता के लिए स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली चार फसलों को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य के कृषि मंत्री पीसी वनलालरुआता ने कहा कि सरकार अपने चुनाव पूर्व वादों पर कायम रहेगी और स्थानीय किसानों से अदरक, हल्दी, मिर्च और ब्रूमस्टिक खरीदेगी.
राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि हमने 4 प्रमुख फसलों की खरीद के लिए एक मार्केटिंग बोर्ड का गठन किया है. बोर्ड फसलों की खरीद के लिए कदम उठा रहा है. हाल ही में हमने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक में देश और विदेश के कई खरीदार और निर्यातक एकत्र हुए थे. किसानों की इन फसलों का अधिक दाम किसानों को दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है.
कृषि मंत्री पीसी वनलालरुआता ने कहा कि सरकार जनवरी से मई तक अदरक और हल्दी तथा जनवरी से मार्च के बीच मिर्च और ब्रूमस्टिक खरीद के लिए बाजार की सुविधा उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कृषि विपणन समितियां स्थापित की गई हैं और अब तक सभी गांवों में लगभग 800 किसान समितियां बनाई गई हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान समिति को प्राथमिक संग्रह केंद्र घोषित किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि अगर किसान समितियां अपनी स्थानीय रूप से उगाई गई फसलों के लिए नीलामी की व्यवस्था कर सकती हैं, तो वे सरकार के हस्तक्षेप के बिना अपनी उपज को खुद बेच सकेंगी. अगर वे ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो वे अपनी फसलों को सरकार की ओर से 45 गांवों में स्थापित द्वितीयक संग्रह केंद्रों में ला सकती हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार आइजोल के पास दो थोक बाजार भी स्थापित करेगी. यह थोक बाजार सिफिर और एक मेल्थम में बनेंगे, जहां स्थानीय किसान अपनी फसल बेच या स्टोर कर सकते हैं. इससे किसानों को अपनी उपज को अच्छी कीमत पर बेचने के साथ ही स्टोरेज सुविधा के चलते मौसम से उपज को होने वाले संभावित नुकसान की चिंता से मुक्ति मिलेगी.
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