अलनीनो की गर्मी से आम और लीची पर खतराभारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अल नीनो के कारण मार्च से मई 2024 तक गर्म मौसम को लेकर अपना पूर्वानुमान जारी किया है. मार्च से मई तक देश में केवल पूर्वोत्तर भारत, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीप, पश्चिमी तट को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्मी रहने की संभावना है. आम और लीची के उत्पादन के लिए फल की परिपक्व होने के लिए 38 डिग्री सेल्सियस से तापमान अधिक नहीं होना चाहिए. लेकिन, इस साल अप्रैल में ही तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच रहा है तो यह बढ़ता हुआ गर्मी और अधिक तापमान निश्चित रूप से आम और लीची के फल के लिए खतरनाक है. क्योंकि, गर्मी के बढ़ने से गर्म हवाएं चलने और बागों में नमी की कमी होने के कारण फल गिरने और फटने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है. गर्मी लगातार बढ़ रही है जो आम और लीची के उत्पादन के लिए खतरनाक है. ऐसे में आम और लीची के किसानों को अपने उत्पाद को बचाना बड़ी चुनौती रहती है.
आरपीसीएयू कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के प्लांट पैथोलॉजी और नेमेटोलॉजी के हेड डॉ. संजय कुमार सिंह के मुताबिक अलनीनो के कारण अप्रैल महीने में ही तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचने से आम और लीची के लिए बेहद हानिकारक है. क्योंकि, अगर खेत में नमी नहीं रहेगी, तो फल गिरने और फटने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है. गर्मी लगातार बढ़ रही है, इससे किसानों के लिए खेत में नमी बनाए रखना मुश्किल हो गया है. इससे अभी कितने प्रतिशत उत्पादन पर असर पड़ेगा, यह कहना मुश्किल है. डॉ सिंह के अनुसार असर तो निश्चित पड़ेगा. आम और लीची के फलों को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए फलों को अत्यधिक गर्मी की तेज हवाओं औऱ लहर से बचाना जरूरी है. गर्मी की तेज हवाएं फलों के पेड़ों पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे पैदावार कम हो सकती है.
डॉ. सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि इस समय बाग की मिट्टी को हमेशा नम रखने की जरूरत है. अगर बाग की मिट्टी में नमी की कमी होती है तो इससे फल का विकास प्रभावित होगा. आम और लीची के विकसित हो रहे फलों को अत्यधिक गर्मी की लहरों से फल से लेकर पत्तियां पर ज्यादा तनाव पडता है, जिससे आम और लीची का फल का विकास नहीं हो पाता है.
विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार सिंह के का कहना है कि आम और लीची के पेड़ों के जड़ों के पास नमी संरक्षित रहना अहम है. इसके लिए पेड़ के जड़ों के आसपास चारों ओर घास, फूस, या सूखी पत्तियों का मल्च लगाना जरूरी है, जिससे नमी संरक्षित रहे. चरम गर्मी के दौरान सीधे धूप से अधिक तापमान के कारण फलों और पत्तियों पर तनाव ज्यादा होता है, जिससे आम के फल गिरने लगते हैं.
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