देश में ग्रीष्मकालीन धान का रकबा घट गया है जबकि श्री अन्नों का एरिया बढ़ गया है. यह दोनों बातें पर्यावरण के लिहाज से बहुत अच्छी हैं. किसानों का भी इसमें फायदा है. इसलिए सरकार धान को डिस्करेज करने और श्री अन्नों को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई का आंकड़ा जारी कर दिया है. इसके मुताबिक धान की खेती के क्षेत्र में रिकॉर्ड 2.21 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है. पिछले वर्ष 19 मई तक 30.28 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हो चुकी थी. जबकि इस बार 28.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर हुआ है. पानी की कमी की वजह से सरकार चाहती है कि धान की खेती कम हो. धान भारत की मुख्य फसल है. इसकी ज्यादातर खेती मॉनसून के वक्त की जाती है. लेकिन कई सूबों में इसकी दो बार खेती होती है.
इस साल ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई की बात करें तो अब तक 7.90 लाख हेक्टेयर के साथ पश्चिम बंगाल नंबर वन है. इस मामले में 4.77 लाख हेक्टेयर के साथ तेलंगाना दूसरे और 3.29 लाख हेक्टेयर के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है. असम में 19 मई तक 3.02 लाख हेक्टेयर, ओडिशा में 1.95 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 1.66 लाख हेक्टेयर में समर पैडी की खेती हुई है. इसी तरह तमिलनाडु में 1.62 लाख हेक्टेयर, आंध्र प्रदेश में 1.12 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 0.79 लाख हेक्टेयर, केरल में 0.59 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.56 लाख, बिहार में 0.30 लाख और झारखंड में 0.05 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है.
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इस वक्त हम इंटरनेशनल मिलेट ईयर मना रहे हैं. ऐसे में मिलेट्स यानी श्री अन्न को लेकर काफी प्रचार-प्रसार हो रहा है. इसका असर किसानों पर भी दिख रहा है. उन्होंने श्री अन्नों की बुवाई 0.39 लाख हेक्टेयर बढ़ा दी है. इस साल 19 मई तक 11.93 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है. जबकि पिछले साल इस अवधि में 11.54 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई थी. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक ज्वार की बुवाई 0.26, बाजरा की 4.74, रागी की 0.14 और मक्का की खेती 6.78 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. श्री अन्न की बुवाई गुजरात में 3.25 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 2.82 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 1.34 लाख हेक्टेयर,महाराष्ट्र में 1.28 लाख हेक्टेयर और बिहार में 1.04 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है.
इस साल तिलहन फसलों की बुवाई 0.84 लाख हेक्टेयर घट गई है. इस बार 19 मई तक 10.17 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की खेती हुई थी, जबकि 2022 में इसी अवधि तक 11.02 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी. मूंगफली की बुवाई 4.94, सूरजमुखी की 0.32 और तिल की बुवाई 4.61 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक दलहन फसलों की बुवाई इस बार पिछले साल के मुकाबले 0.72 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. इस बार 19 मई तक 19.81 लाख हेक्टेयर में मूंग, उड़द और अन्य दलहन फसलों की बुवाई हुई है. जबकि पिछले साल इस अवधि तक 19.09 लाख हेक्टयर रकबा था. मूंग और उड़द की बुवाई मध्य प्रदेश में 9.64 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. बिहार में 3.95, तमिलनाडु में 2.14 और उत्तर प्रदेश में 1.50 लाख हेक्टेयर में हुई है.
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