श्रीअन्न यानी मोटा अनाज अब खेतों के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि विज्ञान केंद्रों तक पहुंच रहा है. इससे जुड़ी एक अहम पहल की है मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ने. इसके 22 कृषि विज्ञान केंद्रों में भी श्रीअन्न की खेती शुरू की जा रही है. यह सभी जानते हैं कि साल 2023 को दुनिया भर में इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर सरकार द्वारा 8 अनाजों को श्री अन्न की श्रेणी में शामिल किया गया है, जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कुटकी, चेना, कोदो और कंगनी को शामिल किया गया है. साथ ही जो किसान पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं. उनसे भी अपील की जा रही है कि वह श्री अन्न की खेती करें. अब जानते हैं विश्वविद्यालय में मोटे अनाज की खेती को लेकर क्या है तैयारी और क्या है इसका उद्देश्य
विश्वविद्यालय में श्री अन्न उगाने का उद्देश्य ये है कि इसको देख कर किसान विलुप्त हो रहे मोटे अनाजों की खेती करें. ताकि मोटा अनाज खेत से निकालकर लोगों के भोजन के थाली में आ सके. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला ने कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुखों को मोटे अनाज की खेती करने और किसानों को खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
किसानों के रासायनिक खेती करने से जहां मिट्टी की उर्वरक शक्ति को नुकसान हो रहा है वहीं मानव शरीर को भी इससे काफी नुकसान हो रहा है. इसे लेकर कृषि विश्वविद्यालय अपने कृषि विज्ञान केंद्रों पर पांच एकड़ जमीन में प्राकृतिक खेती भी करा रहा है. जहां किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे भी बताए जा रहे हैं. वहीं सूबे के किसान अब धीरे-धीरे फिर से खेती के पुराने तरीके को अपनाने लगे हैं.
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राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरविंद कुमार शुक्ला ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों पर 1 एकड़ जमीन में मोटे अनाज की खेती की जाएगी. साथ ही किसानों को भी इसकी खेती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ताकि मोटे अनाज हम सभी की थालियों में परोसे जा सकें.
केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी मोटे अनाज की खेती और उससे बने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश सरकार ने इसके लिए हाल ही में कई तरह के अभियान भी चलाए हैं. हाल ही में मध्य प्रदेश कैबिनेट बैठक में भी मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे गए थे. इसके अलावा सरकारी आयोजनों में भी श्री अन्न का बना एक पकवान रखने का निर्देश दिया गया है.
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