
उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद, सिरसागंज और जसराना में आलू की फसल बहुत अधिक होती है. वहीं इस बार वहां के किसानों ने आलू की फसल तैयार होने के तुरंत बाद काफी ज्यादा रकबे में मक्के की खेती की है जिससे उन्हें पैदावार भी अच्छा मिला है. लेकिन किसानों के सामने मंडीकरण को लेकर एक बड़ी समस्या आ गई है. दरअसल, केंद्र सरकार ने जो मक्के की एमएसपी 2090 रुपये प्रति कुंटल तय की है वह किसानों को नहीं मिल रहा है. वहीं मक्के की ज्यादा पैदावार को खराब होने से बचाने के लिए किसान चिंतित हैं, क्योंकि मक्का को बिचौलिए 1000 रुपये प्रति कुंतल के करीब ही खरीद रहे हैं.
जिससे किसान परेशान हैं. क्योंकि किसानों के पास मक्के को अधिक दिनों तक रखने और उसे सुखाने की जगह नहीं है. जिससे बरसात में मक्का खराब होने की अधिक संभावना है. अगर ऐसा होता है तो किसानों को बहुत अधिक नुकसान होगा.
यदि मक्का बहुत समय तक गीली रहे तो वह काली पड़ जाती है, जिस कारण बरसात के मौसम में मक्का की फसल की पैदावार अधिक होने से किसान के पास मक्का के दानों को सुखाने की जगह नहीं है. जिसके चलते किसान मजबूरी में अपने मक्के के दानों को हाईवे पर के किनारे सूखा रहे हैं ताकि उनकी उपज नमी से काली न पड़ जाए. ऐसे में पुलिस किसानों के खिलाफ भी कार्यवाही कर रही है, क्योंकि सड़कों पर पड़ी मक्का से कई बार मोटरसाइकिल सवार चोटिल हो जाते हैं.
दरअसल, मक्का की यह फसल किसानों ने बेमौसम उगाई है, जिस कारण सरकार फसल को खरीद नहीं रही है. इसी मजबूरी में किसानों को अपनी फसल कम दाम में बिचौलियों बेचनी पड़ रही है. वहीं शिकोहाबाद के मक्का की फसल का उत्पादन करने वाले किसान अवधेश ने बताया कि मक्का की फसल बहुत सस्ती बिक रही है. बिचौलिए हजार से ग्यारह सौ रुपये दे रहे हैं. वहीं कभी वह भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 8 दिनों से हम कृषि मंडी में ही पड़े हुए हैं.
सिरसागंज के किसान हरेंद्र ने बताया कि मक्का की फसल बेचने के लिए मंडी में आए हुए हैं. वहीं मक्का की फसल 800 प्रति कुंटल से लेकर हजार रुपए प्रति कुंतल ही बिक पा रही है. दुसरे किसान मानवेंद्र ने बताया कि वो पिछले सात दिनों से कृषि मंडी में है. वहीं बारिश भी हो रही है जिस कारण मक्का खराब होने का अंदेशा है और अच्छे मक्के की कीमत 1000 रुपये प्रति कुंतल से अधिक नहीं मिल रही है.
उप निदेशक कृषि हरनाथ सिंह ने फोन पर बताया के मक्का की सरकारी खरीद नहीं हो रही है. शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. बाजरे की, गेहूं की, धान की सरकारी खरीद हो रही है. आशा की जा रही है कि बहुत जल्दी ही प्रस्ताव पारित होकर आदेश आ जाएगा और उसके बाद अन्य फसलों की तरह मक्का की भी सरकार खरीद होगी.
(रिपोर्टर- सुधीर शर्मा)
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