
मक्का का उत्पादन बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर होता है. इस फसल की खासियत यह है कि इसे महज 3 महीने में तैयार किया जा सकता है. मक्का का उत्पादन भी अन्य फसलों से अधिक होता है. यही कारण है कि किसान इस फसल को उगाना पसंद करते हैं. मक्के के पॉपकॉर्न बनाने, चॉकलेट बनाने, पैकेज्ड उत्पाद बनाने और पशुओं के चारे के रूप में कई उपयोग हैं. लेकिन ज्यादातर किसान सही मौसम और मिट्टी की जरूरत के हिसाब से उन्नत बीजों का चुनाव नहीं कर पाते हैं.
जिस वजह से उन्हें सही उपज और गुणवत्ता नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों के लिए जरूरी है कि वो सही किस्मों का चयन करें. तो आइए जानते हैं मक्के की उन उन्नत किस्मों के बारे में जिसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
यह देर से पकने वाली किस्म है, जिसे पकने में 95 से 120 दिन का समय लग सकता है. संकर मक्का की यह उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहिष्णु है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह अच्छी उपज देती है. इसके साथ ही संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण किसानों को इस किस्म की मक्का की खेती में लागत भी कम आती है. संकर मक्का की यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रसिद्ध है. इस किस्म से किसान 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकते हैं.
इस किस्म को वर्ष 2020 में लॉन्च किया गया था. यह किस्म मक्का का उत्पादन बढ़ाने और किसानों को लागत कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम किस्मों में से एक है. मक्का की यह किस्म संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण सामान्य किस्मों की तुलना में कम बीमारियाँ पैदा करती है, जिससे किसानों को कीटनाशकों और अन्य दवाओं पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है. पूसा एचक्यूपीएम5 उन्नत किस्म 88 से 111 दिनों में पक जाती है. प्रति हेक्टेयर 104.1 क्विंटल की औसत उपज के कारण देश के कई क्षेत्रों में इस किस्म से बड़े पैमाने पर मक्का का उत्पादन होता है.
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हालाँकि, इस किस्म की उपज भी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है. इस किस्म की खेती पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जाती है. इस किस्म को चुनने से पहले किसान अपने नजदीकी कृषि सलाहकार से संपर्क जरूर करें और मिट्टी की जांच भी करा लें. इस बीज से आसपास के वातावरण और सही मिट्टी की गुणवत्ता और क्षेत्र के अनुसार मक्का की खेती तय की जा सकती है.
यह जल्दी पकने वाली किस्म है. इस किस्म से मक्के की फसल मात्र 84 दिन में तैयार हो जाती है. वर्ष 2020 में लॉन्च की गई यह किस्म भी मक्का की नवीनतम किस्मों में से एक है. उच्च प्रोटीन सामग्री के कारण, इस किस्म का बड़े पैमाने पर पशु आहार के लिए और प्रोटीनेक्स जैसे उत्पाद बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है. पूसा विवेक हाइब्रिड 27 उन्नत किस्म किसानों को कम लागत में अधिक उपज देने के लिए जानी जाती है.
पूसा विवेक की इस संकर मक्का किस्म की खेती बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, यूपी आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. औसत उपज की बात करें तो इस किस्म से किसान 48.5 क्विंटल की उपज प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि यह उपज मिट्टी की उत्पादकता, कृषि-कौशल पर भी निर्भर करेगी.
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