महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वो किसान आत्महत्या मुक्त महाराष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर किसानों के हित में निर्णय लें. महाराष्ट्र राज्य में किसानों की आत्महत्या एक बड़ी चिंता का विषय है और अब से राज्य को किसान आत्महत्याओं से मुक्त करना मुख्य उद्देश्य होना चाहिए. किसानों के हित के लिए अधिकारी दायरे से बाहर निकलकर काम करें. जिलेवार फसलों का डैशबोर्ड बनाकर किसानों को जानकारी उपलब्ध कराएं. रबी सीजन 2023-24 की समीक्षा बैठक में धनंजय मुंडे ने यह बात कही. उन्होंने इस साल रबी फसलों का रकबा बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि पारंपरिक के साथ अन्य फसलें भी उगाई जा सकें.
मुंडे की अध्यक्षता में पुणे के सखार संकुल में रबी सीजन 2023-24 की योजना के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें मराठवाड़ा और विदर्भ समेत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश की स्थितियों पर बात की गई. खराब बारिश पैटर्न के कारण इस साल रबी का रकबा औसत से कम रहने की उम्मीद है, हालांकि सरकार इसे बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है.
ये भी पढ़ें: बांग्लादेश ने बढ़ाया संतरे का आयात शुल्क, महाराष्ट्र के प्रभावित किसानों ने किया प्रदर्शन
मुंडे ने कहा कि इस साल रबी सीजन में बुआई का रकबा करीब 58 लाख हेक्टेयर है. इस रकबे में कम से कम 5 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी की जाए. अधिकारी इसके लिए जरूरी योजना बनाएं.
महाराष्ट्र में रबी मौसम के दौरान किसान ज्वार, गेहूं, मक्का, चना आदि पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं. मुंडे ने केसर, मसूर, राजमा, पावटा, वाल, सरसों, अलसी आदि फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाने की योजना बनाने का सुझाव दिया.
कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों की सहूलियत के लिए प्रत्येक जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत ज्वार की मिनीकिट उपलब्ध करवाई गई है. साथ ही बीज और खाद की भी कमी नहीं होगी. मुंडे ने यह भी कहा कि कहीं भी खाद का लीकेज नहीं होगा, इसका भी ख्याल रखा जाएगा. मंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि हर जिला स्तर पर डैश बोर्ड विकसित किए जाएं ताकि किसानों को खाद, बीज आदि की उपलब्धता की जानकारी मिल सके.
मुंडे ने कहा कि रबी सीजन में फसली ऋण वितरण की निगरानी हर सप्ताह आयुक्त स्तर से की जानी चाहिए. कृषि यंत्रीकरण योजना पर बल दिया जाना चाहिए. बैठक में कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुप कुमार और कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
ये भी पढ़ें: Sugarcane Price: किसानों के आक्रोश से गन्ना बिक्री मामले में बैकफुट पर सरकार, वापस हुआ फैसला
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today