धान और त‍िलहन फसलों की बुवाई प‍िछड़ी, दलहन फसलों का एर‍िया बढ़ा 

धान और त‍िलहन फसलों की बुवाई प‍िछड़ी, दलहन फसलों का एर‍िया बढ़ा 

Summer Crops Coverage: इस बार प‍िछले साल से कम है ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई वाली रफ्तार. श्री अन्न की बुवाई में मामूली वृद्ध‍ि. मूंग और मक्का की खेती पर क‍िसानों का द‍िख रहा है जोर. जान‍िए क‍िस राज्य में सबसे ज्यादा एर‍िया में बोया जा चुका है धान. 

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धान और त‍िलहन फसलों की बुवाई प‍िछड़ी, दलहन फसलों का एर‍िया बढ़ा क‍ितनी हो चुकी है ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई (Photo-PUSA).

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने ग्रीष्मकालीन फसलों (Summer Crops) की बुवाई का आंकड़ा जारी कर दिया है. इसके मुताबिक 2022 के मुकाबले 2023 के रकबे में मामूली कमी दर्ज की गई है. केंद्र सरकार के मुताबिक ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई इस साल 27.45 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है, जोक‍ि 2022 के मुकाबले 1.68 लाख हेक्टेयर कम है. पिछले साल 29.14 लाख हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन धान बोया गया था. पश्चिम बंगाल 7.90 लाख हेक्टेयर के साथ इस मामले में पहले नंबर पर है. जबक‍ि 4.77 लाख हेक्टेयर के साथ तेलंगाना दूसरे नंबर पर. इसी तरह 3.29 लाख हेक्टेयर के साथ कर्नाटक तीसरे और 3.02 लाख हेक्टेयर के साथ असम चौथे स्थान पर है. 

मंत्रालय ने बताया है क‍ि ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई ओडिशा में 1.95 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.65 लाख हेक्टेयर, आंध्र प्रदेश में 1.12 लाख हेक्टेयर, तमिलनाडु में 1.09 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 0.79 लाख हेक्टेयर और केरल में 0.59 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. इसी तरह छत्तीसगढ़ में 0.56 लाख हेक्टेयर, बिहार में 0.23 लाख हेक्टेयर और झारखंड में 0.05 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. 

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दालों की बुवाई बढ़ी

काले चने की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले मामूली कमी दर्ज की गई है. हालांकि दालों के एरिया में कुछ वृद्धि हुई है. इस साल यानी 2023 में 17.57 लाख हेक्टेयर में दालों की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल 28 अप्रैल तक सिर्फ 16.23 लाख हेक्टेयर में दालों की बुवाई हुई थी. यानी पिछले साल के मुकाबले इस बार दालों का एरिया 1.34 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है.

मूंग और मक्का की बुवाई का हाल

इस साल मूंग की बुवाई पिछले साल से थोड़ी तेज है. कृषि मंत्रालय ने बताया कि साल 2023 में 28 अप्रैल तक 14.27 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल 12.84 हेक्टेयर में इसकी बुवाई हुई थी. मतलब यह है कि मूंग की बुवाई पिछले साल के मुकाबले इस बार 1.43 लाख हेक्टेयर में ज्यादा हुई है. 

इसी तर‍ह मक्का की बुवाई में भी मामूली तेजी है. साल 2023 में 28 अप्रैल तक 6.30 लाख हेक्टेयर में मक्का बोया जा चुका है जबकि पिछली बार इस अवधि तक 6.24 लाख हेक्टेयर में ही इसकी बुवाई हुई थी. 

बाजारा पर क‍िसानों का जोर

श्री अन्न की बुवाई में भी मामूली तेजी है. इसकी बुवाई 10.86 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. मंत्रालय ने बताया कि इस साल अब तक 0.15 लाख हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई हुई है यह पिछले साल के बराबर ही है. जबकि बाजरा पिछले साल से ज्यादा बोया गया है. साल 2023 में 28 अप्रैल तक 4.29 हेक्टेयर में बाजरा बोया जा चुका है, जबकि पिछले साल इस अवधि तक स‍िर्फ 3.59 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई थी. रागी की बुवाई अब तक 0.12 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछली बार अब तक 0.20 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी.  

त‍िलहन फसलों का क्या है हाल? 

बात करें तिलहन फसलों की तो प‍िछले साल के मुकाबले थोड़ी कम बुवाई हुई है. खरीफ सीजन की सभी त‍िलहन फसलों को म‍िलाकर इस बार 9.40 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल 28 अप्रैल तक 10.46 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी. इसका मतलब यह हुआ कि बुवाई इस साल 1.06 लाख हेक्टेयर पीछे है. मूंगफली की बुवाई 4.5 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि प‍िछले साल 5.27 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी. इसी तरह सूरजमुखी की बुवाई 0.29 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल इस अवधि तक 0.31 लाख हेक्टेयर में हुई थी. 

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