नेचुरल फार्मिंग से मिट्टी की सेहत सुधर रही, किसानों को ट्रेनिंग देने के लिए कृषि सखी और कम्यूनिटी परसन नियुक्त होंगे 

नेचुरल फार्मिंग से मिट्टी की सेहत सुधर रही, किसानों को ट्रेनिंग देने के लिए कृषि सखी और कम्यूनिटी परसन नियुक्त होंगे 

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर के अनियंत्रित इस्तेमाल से धरती की उर्वरक क्षमता कम हो रही है. जैविक कार्बन घट रहा है, मित्र कीट मारे जा रहे हैं. प्राकृतिक खेती के जरिए मिट्टी की सेहत सुधर रही है. किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

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नेचुरल फार्मिंग से मिट्टी की सेहत सुधर रही, किसानों को ट्रेनिंग देने के लिए कृषि सखी और कम्यूनिटी परसन नियुक्त होंगे इनपुट उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर भी शुरू किए जाएंगे.

केंद्र सरकार नेचुरल फार्मिंग पर खास ध्यान दे रही है और इसके लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का संचालन किया जा रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रेरित किया जाएगा. राज्यों को नेचुरल फार्मिंग के लिए क्लस्टर आवंटन किए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को ट्रेनिंग देने के लिए हर क्लस्टर में 2 कृषि सखी और कम्यूनिटी रिसोर्स परसन की नियुक्ति की जाएगी. यह लोग किसानों को नेचुरल तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे और टिकाऊ विधियों का तरीका बताने के साथ ही खेती के फायदे बताएंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे. इनपुट उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर भी शुरू किए जाएंगे. 

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए खर्च होगी अधिक रकम 

केंद्र सरकार खेती के विकास पर तेज गति से काम कर रही है. यही वजह है कि 1 फरवरी को आए केंद्रीय बजट में कृषि से जुड़े क्षेत्रों के लिए 19 हजार करोड़ बजट बढ़ाकर 1.71 लाख करोड़ रुपये आवंटन का प्रस्ताव रखा गया है. राष्ट्रीय खेती विकास योजना के तहत दिए जाने वाले बजट में भी बढ़ोत्तरी की गई है. 2025-26 के लिए 8500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जबकि इससे पहले बीते वित्तवर्ष में 6000 करोड़ रुपये ही बजट रखा गया था. इस हिसाब से कृषि विकास योजना के लिए 2500 करोड़ रुपये बजट में बढ़ोत्तरी की गई है. 

केमिकल फर्टिलाइजर से धरती की उर्वरा शक्ति घट रही 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने मंगलवार को संसद में कृषि से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर के अनियंत्रित और अधिक इस्तेमाल की वजह से आज धरती की उर्वरक क्षमता कम हो रही है. जैविक कार्बन घट रहा है, मित्र कीट मारे जा रहे हैं, जल धारण की क्षमता घटती जा रही है. उन्होंने कहा कि नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग को 15 नवंबर 2024 को मंजूरी दी गई है. प्राकृतिक खेती के लिए इस मिशन के माध्यम से हम किसानों को प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं. 

2 लाख से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती शुरू करेंगे

कृषि मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार प्राकृतिक खेती पर पहले से ही काम कर रही है. कुछ अन्य राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती पर काम कर रही हैं. अभी प्राकृतिक खेती मिशन के तहत महाराष्ट्र को 1709 क्लस्टर का आवंटन किया गया है. 85,450 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जाएगी, जिसमें 2.13 लाख किसान प्राकृतिक खेती की शुरुआत करेंगे. 

प्राकृतिक खेती मिट्टी का स्वास्थ्य सुधार रही 

कृषि मंत्री ने कहा कि किसान धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ें, पूरी जमीन पर नहीं, लेकिन जमीन के एक हिस्से में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करें और उसके परिणामों के आधार पर बाकी किसान भी सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे. इसके लिए प्राकृतिक खेती का एक मिशन बनाया गया है. उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी पर बहुत बुरा असर पड़ता है, लेकिन प्राकृतिक खेती मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाती है और इसलिए यह आशंका कि इससे उत्पादन बहुत घट जाएगा, यह पूरी तरह से सही नहीं है. प्राकृतिक खेती ठीक विधि से किसान कर सकें. 

कृषि सखी और कम्युनिटी रिसोर्सपर्सन नियुक्त होंगे

सही विधि से प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए हम प्रत्येक क्लस्टर में दो कृषि सखी और कम्युनिटी रिसोर्सपर्सन नियुक्त करेंगे. प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रॉपर ट्रेनिंग देंगे. जो इनपुट लगते हैं, उनको आसानी से उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर भी प्रारंभ करेंगे. उनके लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेंगे. किसानों को अपने खेत पर भी इनपुट बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, अगर ठीक इनपुट डाले जाएंगे तो उत्पादन नहीं घटेगा.

मिट्टी-जल संरक्षण के लिए 4 फरवरी से वाटरशेड यात्रा 

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल है तो कल है और मिट्टी है तो जीवन है, इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 'जल लाए धन-धान्य' इस थीम के आधार पर 5 फरवरी से 'वाटरशेड यात्रा' का प्रारंभ हो रहा है. मिट्टी के क्षरण को रोकने और जल संरक्षण के लिए जागरूकता के उद्देश्य से यह यात्रा 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6673 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 13587 गांवों को कवर करेगी.

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