मॉनसून की बारिश के साथ ही खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई तेज हो गई है. महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में अच्छी होने से किसान अब फसलों की बुआई का काम तेजी से कर रहे हैं. जिले के छह तालुकाओं में बुआई योग्य बारिश हो चुकी है. इससे अब किसानों को राहत मिलती हुई नजर आ रही है. क्योंकि उन्हें इसके लिए खेत की सिंचाई नहीं करनी होगी. हालांकि, राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार है. महाराष्ट्र में लंबे इंतजर के बाद अब कई जिलों में बुआई हो रही है. इन दिनों कपास, मक्का, सोयाबीन की बुवाई और धान की रोपाई का काम चल रहा है. प्रारंभिक अनुमान है कि जिले में 30 फीसदी से अधिक बुआई हो चुकी है. इस साल सबसे ज्यादा कपास और सोयाबीन की खेती का अनुमान लगाया गया है.
यहां धान की खेती भी होती है. इसलिए कुछ किसान धान की रोपाई की तैयारी करते हुए भी नजर आ रहे हैं. हालांकि जिले में सबसे ज्यादा किसान सोयाबीन की खेती करते हैं. जिले के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या कुछ हद तक हल हो गई है. वहीं छोटे-बड़े बांधों में जल भंडारण से जलस्तर बढ़ाने में मदद मिल रही है. इसके चलते किसान संतुष्ट देख रहे हैं.
बारिश के बाद बुआई के लिए जरूरी बीज और खाद खरीदने के लिए किसानों की भीड़ कृषि केंद्रों पर देखी जा रही है. ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शहरी इलाकों में बीज खरीदने आ रहे हैं. हालांकि किसानों का कहना है कि इस साल बुआई में देरी हुई है. फिर भी वो अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं. यहां पर बारिश में देरी होने की वजह से बुवाई में देरी हो रही थी. इसलिए कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने बारिश शुरू होने तक किसानों से बुवाई न करने की अपील की थी. साथ ही अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि खाद, बीज और कीटनाशकों की कालाबाजारी न हो. इसके लिए कृषि विभाग जिला स्तर पर निगरानी समिति बनाए ताकि किसानों के साथ ठगी न हो.
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राज्य के कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण ने बताया कि खरीफ सीजन के दौरान औसत बुवाई का क्षेत्र 142 लाख हेक्टेयर होता है. लेकिन अपर्याप्त बारिश के कारण 20.60 लाख हेक्टेयर यानी 14 फीसदी क्षेत्र में ही बुवाई हो सकी है. चव्हाण ने अपील की है कि राज्य में जरूरत के मुताबिक बीज और खाद का भंडार उपलब्ध है और किसान पर्याप्त बारिश के बाद ही बुवाई करें. राज्य में औसत से 39 फीसदी कम बारिश हुई है. लेकिन मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि राज्य में जुलाई के महीने में अच्छी बारिश होगी. हालांकि कोंकण क्षेत्र में औसत से अधिक बारिश हुई है, मराठवाड़ा, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश हुई है.
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