Kharif Crops Sowing: दलहन-त‍िलहन फसलों ने बढ़ाई च‍िंता, धान और मोटे अनाजों ने क‍िया खुश 

Kharif Crops Sowing: दलहन-त‍िलहन फसलों ने बढ़ाई च‍िंता, धान और मोटे अनाजों ने क‍िया खुश 

एक तरफ हम दलहन फसलों के बड़े आयातक हैं तो दूसरी ओर इसकी बुवाई कम हो गई है. देश में 139.75 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई होती है, ज‍िसमें एक स‍ितंबर तक स‍िर्फ 119.09 लाख हेक्टेयर एर‍िया ही कवर क‍िया जा सका है. जान‍िए कॉटन, गन्ना और सोयाबीन का क्या है हाल? 

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Kharif Crops Sowing: दलहन-त‍िलहन फसलों ने बढ़ाई च‍िंता, धान और मोटे अनाजों ने क‍िया खुश खरीफ फसलों की बुवाई का क्या है हाल.

देश में खरीफ फसलों की 99 फीसदी बुवाई पूरी हो चुकी है. एक स‍ितंबर तक 19 प्रमुख फसलों की 1077.82 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जो प‍िछले साल से 4.60 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. देश में खरीफ फसलों का एर‍िया 1091.73 लाख हेक्टेयर है. धान की बुवाई और रोपाई अब खत्म हो चुकी है. कुल 398.08 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है. जबक‍ि प‍िछले साल इस अवध‍ि तक धान का एर‍िया स‍िर्फ 383.79 लाख हेक्टेयर ही था. यानी 2022 के मुकाबले इस बार 14.30 लाख हेक्टेयर अध‍िक एर‍िया कवर हो चुका है. बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र और केरल में इस बार धान का रकबा बढ़ गया है.

गन्ना का रकबा भी प‍िछले साल के मुकाबले बढ़ गया है. एक स‍ितंबर तक देश में 59.91 लाख हेक्टेयर में गन्ना बोया जा चुका है. जबक‍ि प‍िछले साल स‍िर्फ 55.65 लाख हेक्टेयर ही एर‍िया था. यानी इस साल गन्ने का रकबा 4.26 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. हालांक‍ि, कॉटन का कवरेज प‍िछले साल से 2.65 लाख हेक्टेयर कम है. देश में कॉटन का सामान्य एर‍िया 128.67 लाख हेक्टेयर है. ज‍िसमें 122.99 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. प‍िछले साल इस अवध‍ि तक 125.63 लाख हेक्टेयर में कॉटन बोया जा चुका था.

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दलहन फसलों की बुवाई बहुत कम

एक तरफ हम दलहन फसलों के बड़े आयातक हैं तो दूसरी ओर इसकी बुवाई कम हो गई है. देश में 139.75 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई होती है. ज‍िसमें एक स‍ितंबर तक स‍िर्फ 119.09 लाख हेक्टेयर एर‍िया ही कवर हुआ है. जबक‍ि 2022 में इस अवध‍ि तक 130.13 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई हो चुकी थी. यानी इस साल प‍िछली बार के मुकाबले 11.04 लाख हेक्टेयर कम एर‍िया कवर क‍िया गया है. अरहर की बुवाई 42.66 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो प‍िछले वर्ष के मुकाबले 2.61 लाख हेक्टेयर कम है. उड़द की बुवाई 31.68 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले साल से 4.97 लाख हेक्टेयर कम है. इसी तरह मूंग की बुवाई 30.98 लाख हेक्टेयर में हुई है और यह 2022 के मुकाबले 2.59 लाख हेक्टेयर कम है. 

त‍िलहन फसलों का भी रकबा ग‍िरा

त‍िलहन फसलों की बुवाई भी प‍िछले साल से कम हुई है. लेक‍िन, दलहन जैसी च‍िंताजनक स्थ‍िति नहीं है. इस साल अब तक 190.11 लाख हेक्टेयर में त‍िलहन फसलें बोई गई हैं. जबक‍ि प‍िछले साल इस अवधि तक 191.91 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी. यानी इस बार प‍िछले साल के मुकाबले 1.80 लाख हेक्टेयर एर‍िया कम है. मूंगफली की बुवाई 43.37 लाख हेक्टेयर में हुई है और यह प‍िछले वर्ष से 1.63 लाख हेक्टेयर कम है. जबक‍ि सोयाबीन की बुवाई प‍िछले साल से 1.22 लाख हेक्टेयर ज्यादा एर‍िया में हो चुकी है. इस साल एक स‍ितंबर तक 125.13 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा चुका है. 

मोटे अनाजों का क्या है हाल?

मोटे अनाजों का एर‍िया इस बार अब तक 181.06 लाख हेक्टेयर में कवर हो चुका है. जबक‍ि 2022 में इस अवध‍ि तक 179.13 लाख हेक्टेयर में ही मोटे अनाज बोए गए थे. यानी म‍िलेट ईयर के दौरान मोटे अनाजों के प्रचार-प्रसार की वजह से इसका रकबा इस बार 1.93 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. ज्वार 14.06 लाख हेक्टेयर में बोया जा चुका है. बाजरा की बुवाई 70.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. रागी की बुवाई 8.13 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबक‍ि मक्का 82.86 लाख हेक्टेयर में बोया जा चुका है. 

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