गन्ने की बढ़ने वाली है कीमत, क्या अब 4000 रुपये टन होगा रेट, जानें किसानों की क्या है सरकार से मांग

गन्ने की बढ़ने वाली है कीमत, क्या अब 4000 रुपये टन होगा रेट, जानें किसानों की क्या है सरकार से मांग

राज्य गन्ना किसान संघ की मैसूरु जिला इकाई के महासचिव बरदानपुरा नागराज ने ज्ञापन में बताया कि सूखे के कारण किसान वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और कृषि कार्य करने में असमर्थ हैं. इसलिए, उन्होंने उपायुक्त से सहकारी बैंकों सहित सभी बैंकों में ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया.

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गन्ने की बढ़ने वाली है कीमत, क्या अब 4000 रुपये टन होगा रेट, जानें किसानों की क्या है सरकार से मांगगन्ने का रेट बढ़ाने की मांग उठी. (सांकेतिक फोटो)

कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ की मैसूर जिला इकाई ने सरकार से चीनी मिलों को आपूर्ति किए जाने वाले गन्ने के लिए 4,000 रुपये प्रति टन का मूल्य तय करने का आग्रह किया है. संघ के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मैसूर में डिप्टी कमिश्नर केवी राजेंद्र से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनकी मांगों को सूचीबद्ध किया गया है. किसानों ने तर्क दिया कि क्षेत्र में सूखे के कारण गन्ने के उत्पादन की लागत बढ़ गई है. सूखे की वजह से गन्ने का उत्पादन भी कम हुआ है. इसलिए गन्ने की कीमत बढ़ाई जाए.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने स्थानीय चीनी मिलों पर चीनी की पैदावार और गन्ने की कम तौल करके किसानों को धोखा देने का भी आरोप लगाया है. राज्य गन्ना किसान संघ की मैसूर जिला इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष किरागुरु शंकर के नेतृत्व में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों से मैसूर में उगाए गए गन्ने को अन्य जिलों की चीनी मिलों तक ले जाने पर प्रतिबंध हटाने का भी आग्रह किया है. क्षेत्र में बारिश होने के कारण किसानों ने अधिकारियों से जिले में झीलों, बांधों और नहरों की खुदाई का काम शुरू करने का आग्रह किया, ताकि कुओं में भूजल स्तर में सुधार हो सके.

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तुरंत किया जाए बकाया भुगतान

किसानों ने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने चीनी मिलों को किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के अलावा प्रति टन 150 रुपये अतिरिक्त भुगतान करने का निर्देश दिया था. लेकिन, मैसूरु जिले की चीनी मिल ने किसानों को अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं किया है. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि साथ ही सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि आगामी वर्ष के लिए पेराई कार्य शुरू होने से पहले किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान किया जाए.

ब्याज मुक्त ऋण की मांग

राज्य गन्ना किसान संघ की मैसूरु जिला इकाई के महासचिव बरदानपुरा नागराज ने ज्ञापन में बताया कि सूखे के कारण किसान वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और कृषि कार्य करने में असमर्थ हैं. इसलिए, उन्होंने उपायुक्त से सहकारी बैंकों सहित सभी बैंकों में ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया. साथ ही बैंकों को अपने परिसर के बाहर बोर्ड लगाकर किसानों को उपलब्ध ऋण सुविधाओं की सूची बनानी चाहिए.

किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि जिले भर में बड़े पैमाने पर केले के बागान बारिश और हवा के कारण बर्बाद हो गए हैं. इसलिए सरकार को उन किसानों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए. साथ ही, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना के तहत मजदूरों का बकाया भुगतान करने के लिए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए, जो एक साल से लंबित है.

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स्कूल फीस को लेकर क्या है मांग

प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी कमिश्नर से किसानों, मजदूरों और पिछड़े वर्गों के बच्चों से फीस के नाम पर निजी संस्थानों द्वारा की जा रही “जबरन वसूली” के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर इस तरह की जबरन वसूली बंद नहीं की गई तो किसानों, मजदूरों और पिछड़े वर्गों के बच्चे, जो इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ हैं, शिक्षा से वंचित रह जाएंगे. 

 

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