सरकारी अनुमान से कम रह सकता है गेहूं का उत्पादन, रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

सरकारी अनुमान से कम रह सकता है गेहूं का उत्पादन, रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

अगर रिपोर्ट की बात सही निकलती है तो यह लगातार दूसरा साल होगा जब गेहूं की उपज में गिरावट आएगी. उपज गिरने से महंगाई बढ़ने की आशंका प्रबल होगी जिससे अभी सभी लोग जूझ रहे हैं. हाल के महीनों में गेहूं और आटे के भाव में भी बडी़ तेजी देखी जा रही है. इसमें और वृद्धि हो सकती है.

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सरकारी अनुमान से कम रह सकता है गेहूं का उत्पादन, रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली जानकारीदेश में इस बार गेहूं का उत्पादन घटने की आशंका है

आजकल गेहूं की पैदावार की कई खबरें आ रही हैं. खबरों में बताया जा रहा है कि मौजूदा साल में गेहूं की बंपर उपज हुई है. लेकिन एक रिपोर्ट ऐसी भी है जिसमें सरकार दावे पर सवाल उठाया गया है. सरकार का दावा है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 112 मिलिटन टन से भी अधिक है. दूसरी ओऱ, दुनिया की नामी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने व्यापारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में लिखा है कि इस साल गेहूं का उत्पादन सरकारी अनुमान से 10 फीसद कम होगा. यह रिपोर्ट तब सामने आई है जब पिछले दो महीनों में भारत में गेहूं के दाम में भारी उछाल है.

अगर रिपोर्ट की बात सही निकलती है तो यह लगातार दूसरा साल होगा जब गेहूं की उपज में गिरावट आएगी. इससे सरकार को खाद्य महंगाई पर ब्रेक लगाने में भारी दिक्कत आएगी क्योंकि पिछले कई महीने से इसमें तेजी है. इस बीच अल-नीनो के प्रभाव की भी आशंका है जिससे बारिश में कमी आने का संकेत है. अगर ऐसा होता है तो गेहूं सहित अन्य अनाजों की उपज पर बुरा असर देखा जा सकता है. 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट प्रमोद कुमार एस कहते हैं, अभी बाजार में गेहूं की उपलब्धता बहुत कम है. ऐसा लगता है कि इस साल गेहूं की पैदावार 101 मिलियन टन से 103 मिलियन टन के बीच रहेगी. इस साल फूड इंडस्ट्री ने गेहूं उत्पादन का जो अनुमान दिया है, उसकी जानकारी सामने नहीं आई है.

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सरकार के अनुसार, 2023 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड 112.74 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो एक साल पहले 107.7 मिलियन मीट्रिक टन था. भारत में सालाना करीब 108 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं की खपत होती है. किसान मार्च से गेहूं की कटाई शुरू करते हैं, जून तक अपनी अधिकांश फसल राज्य एजेंसियों और निजी व्यापारियों को बेच देते हैं. प्रमोद कुमार कहते हैं, किसानों से आने वाली गेहूं की सप्लाई बहुत गिर गई है. इसलिए कृषि मंत्रालय ने उत्पादन का जो आंकड़ा दिया है, वह वास्तविकता से अधिक आशावादी लगता है.

गेहूं की कीमतों में उछाल

नई दिल्ली में गेहूं की कीमतें पिछले दो महीनों में 10 परसेंट से बढ़कर 24,900 रुपये ($303) प्रति मीट्रिक टन हो गई हैं, जिससे सरकार को 15 वर्षों में पहली बार व्यापारियों द्वारा रखे जाने वाले गेहूं स्टॉक की मात्रा पर सीमा लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. नई दिल्ली में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक कंपनी ने बताया कि इस साल खाद्य मंत्रालय ने गेहूं के उत्पादन को अधिक बताया है. इसी बारे में मुंबई में एक कंपनी ने कहा कि सरकार ने गेहूं का उत्पादन बताने में फरवरी के लू और गर्मी के असर को ध्यान में नहीं रखा जिसका पैदावार पर भारी असर पड़ा है.

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मुंबई के व्यापारी ने कहा, 'सरकार को पिछले साल गलत अनुमान के कारण निर्यात पर यू-टर्न लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इस साल दिसंबर तिमाही में उसे शुल्क मुक्त आयात (ड्यूटी फ्री इंपोर्ट) की अनुमति देने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.' इस बारे में 'रॉयटर्स' ने कृषि मंत्रालय ने टिप्पणी मांगी लेकिन तुरंत कोई जवाब नहीं मिला.

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उपभोक्ता देश है जिसने मई 2022 में तापमान में अचानक वृद्धि के बाद निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. यही वह समय था जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से दुनिया में गेहूं की मांग अचानक बढ़ गई.

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