जायद सीजन की फसलों की बुवाई का समय चल रहा है. इस सीजन की फसलों को किसानों के लिए सीधी कमाई वाली फसलों के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि ये पौधे से टूटते ही बिकना शुरू हो जाती हैं. हम यहां बात कर रहे हैं जायद मक्का की फसल बुवाई के बारे में. केंद्र सरकार किसानों से सीधे सरकारी पोर्टल के जरिए एमएसपी रेट पर मक्का खरीद रही है और 48 घंटे के अंदर बैंक खाते में रकम दे रही है. ऐसे में जायद सीजन में मक्का की फसल की बुवाई करना किसानों की कमाई बढ़ाने वाला फैसला हो सकता है. खासकर वह किसान मक्का की बुवाई कर सकते हैं जो अपने खेत में पहले से ही जायद फसलों की खेती कर रहे हैं.
जायद सीजन की मक्का का इस्तेमाल हरे चारे के साथ ही कुक्कुट चारे के रूप में और स्वीट कॉर्न, भुट्टा के तौर पर खूब किया जाता है. इसके अलावा अल्कोहल और स्टार्च के रूप में मक्का का जमकर इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, 1000 से ज्यादा प्रोडक्ट में मक्का का यूज किया जाता है. इसके चलते मक्का की खरीद सरकार एमएसपी रेट पर करती है. जबकि, निजी कंपनियां एमएसपी से ज्यादा दाम पर मक्का खरीद लेती हैं.
केंद्र सरकार सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नेफेड के जरिए ऑनलाइन किसानों से मक्का खरीद रही है. इसके लिए किसानों से ई-समृद्धि पोर्टल https://esamridhi.in/#/ पर रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया है. सहकारिता मंत्रालय पोर्टल के जरिए किसानों की मक्का फसल को एमएसपी रेट पर खरीद कर रहा है. केंद्र ने 2023-24 फसल सीजन के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 92 रुपये बढ़ाकर 2090 रुपये प्रति क्विंटल किया है.
जायद फसल सीजन में मक्का बुवाई के लिए मार्च से अप्रैल तक समय रहता है. बीते सप्ताह कुछ इलाकों में मौसम में नमी के चलते किसानों को बुवाई के लिए 10 दिन का समय और मिल गया है. उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार मक्का बुवाई से पहले किसानों को खेत की पलेवा करनी होगी और 12 सेंटीमीटर गहरी जुताई करके मिट्टी को तैयार करना होगा. बुवाई के लिए बीज की मात्रा सही होना जरूरी है. इसके लिए 20-25 किलो संकुल और 18-20 किलो संकर बीज प्रति हेक्टेयर बुवाई के लिए सही होता है. बीज को 2.5 ग्राम थीरम या 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम रसायन से प्रति किलो बीज को मिलाकर बुवाई करनी चाहिए.
यूपी कृषि परिषद के अनुसार मक्का की बुवाई हल के पीछे उठे हुये बेड पर लाइनों में करनी चाहिए. किसानों को यह ध्यान रखना चाहिए कि संकर और संकुल किस्म के बीजों की बुवाई 60 सेंटीमीटर की दूरी पर हो. पौधे से पौधे की दूरी 20-25 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. इससे पौधे को विकसित होने के लिए जरूरी पोषण पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है.
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