कृषि मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चावल, गेहूं, दालों और तिलहन उत्पादन में बंपर वृद्धि के कारण भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष की तुलना में 6 परसेंट बढ़कर रिकॉर्ड 3532 लाख टन (एमटी) हो गया. देश इस साल दुनिया के सबसे बड़े चावल उत्पादक के रूप में चीन को भी पीछे छोड़ देगा.
अमरिकी कृषि मंत्रालय यानी यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के आंकड़ों के अनुसार 2024-25 में चीन का चावल उत्पादन 1452 लाख टन होगा, जिसका मतलब है कि भारत सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश बनकर उभरेगा. भारत 2012 से दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक रहा है.
फसल वर्ष 2024-25 के लिए खाद्यान्न उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, चावल और गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में क्रमशः 8 परसेंट और 3.7 परसेंट बढ़कर 1490 लाख टन और 1175 लाख टन हो गया.
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पर्याप्त बारिश की संभावना से लगातार दूसरे साल कृषि क्षेत्र में बेहतर उत्पादन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. खरीफ की बुआई सालाना फसल उत्पादन का लगभग 60 परसेंट होती है. मॉनसून की बारिश सर्दियों की फसलों (रबी) के लिए मिट्टी की नमी भी बनाए रखने में मदद करती है.
देश की लगभग आधी कृषि भूमि खरीफ फसलों - धान, दलहन और तिलहन की खेती के लिए मॉनसून की बारिश पर निर्भर करती है. इसके अलावा, पर्याप्त मॉनसून की बारिश रबी या सर्दियों की फसलों - गेहूं, दलहन और तिलहन की बुआई के लिए भी पर्याप्त मिट्टी की नमी देती है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, धान का उत्पादन 1490.74 लाख टन, गेहूं 1175 लाख टन, मक्का 423 लाख टन, मूंगफली 118 लाख टन और सोयाबीन 151 लाख टन हुआ है.
भारत में धान उत्पादन में बड़ी वृद्धि के लिए सरकार की नीतियों को कारगर माना जा रहा है. इसमें किसानों को फसल इनपुट के लिए भुगतान, चावल खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा और सब्सिडी स्कीम प्रमुख है जिससे भारत दुनिया में चीन को पीछे छोड़ते हुए चावल उत्पादन में नंबर वन बनने जा रहा है.
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USDA के विश्व कृषि आउटलुक बोर्ड का अनुमान है कि भारत सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान और जायद फसल उत्पादन के आधार पर 2024-25 मार्केटिंग सीजन में रिकॉर्ड 1470 लाख टन चावल का उत्पादन करेगा. यह भारत के लिए अधिक चावल उत्पादन का लगातार नौवां साल है और यह पहली बार है जब भारत ने चावल उत्पादन में चीन को पीछे छोड़ दिया है, जिससे भारत 2024-25 के लिए दुनिया में सबसे बड़ा चावल उत्पादक बन गया है."
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