अगर आप कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मसूर की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है. प्रोटीन से भरपूर यह फसल न केवल पोषण देती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है. सही समय पर बुआई, उन्नत बीजों का चयन और वैज्ञानिक तरीके अपनाकर किसान मसूर की पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी कर सकते हैं. मसूर एक प्रमुख रबी फसल है, जो कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है. आइए जानते हैं मसूर की बुआई, उन्नत प्रजातियां और पोषक प्रबंधन के बारे में.
अच्छी पैदावार के लिए उन्नत किस्मों का चयन जरूरी है. मसूर की कुछ प्रमुख उन्नत किस्में इस प्रकार हैं:
मिट्टी की जांच के आधार पर खाद और उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए. सामान्यतः बुआई से पहले निम्न पोषक तत्वों की जरूरत होती है:
अगर डीएपी उपलब्ध हो, तो 100 किग्रा डीएपी और 20 किग्रा सल्फर का प्रयोग करें.
सल्फर की पूर्ति के लिए 200 किग्रा जिप्सम प्रति हेक्टेयर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
अगर खेत में नमी कम है, तो खाद की मात्रा को थोड़ा कम कर देना चाहिए.
मसूर की खेती अगर वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो यह किसानों को अच्छी आमदनी दे सकती है. सही समय पर बुआई, उन्नत बीज, उचित पोषण और बीज उपचार से मसूर की उपज को दोगुना किया जा सकता है.
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