हिमाचल के लवी मेले में किसानों की बल्ले-बल्ले, सेब और सूखे मेवों से हुई बंपर कमाई

हिमाचल के लवी मेले में किसानों की बल्ले-बल्ले, सेब और सूखे मेवों से हुई बंपर कमाई

अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला किन्नौर के किसानों को बेहतर व्यापारिक मंडी साबित हो रहा है. इस बार किन्नौर मार्केट के सैकड़ों किसान अपने उत्पादों के आशानुरूप दाम मिलने से बहुत खुश हैं. मेले के दौरान किन्नौर मार्किट में ही दो करोड़ से अधिक के सूखे मेवो का व्यापार हुआ है.

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हिमाचल के लवी मेले में किसानों की बल्ले-बल्ले, सेब और सूखे मेवों से हुई बंपर कमाईलवी मेले में किसानों की बल्ले-बल्ले

शिमला जिला के रामपुर बुशहर में 11 से 14 नवंबर तक आधिकारिक रूप में चले अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के बाद मेला मैदान में व्यापारिक गतिविधियां तेज हो गई है. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है खरीदारों की भीड़ बढ़ती जा रही है. दरअसल,  इस बार किन्नौर मेले के सैकड़ों किसान अपने उत्पादों के आशा के अनुसार दाम मिलने से हुए खुश है. मेले के दौरान किन्नौर मार्किट में ही दो करोड़ से अधिक के सूखे मेवो का व्यापार हुआ, लेकिन अन्य व्यापारी कारोबार बढ़ता देख मेला मैदान के स्टालो को कुछ दिन और न हटाने कि मांग कर रहे हैं.

सूखे मेवो की बिक्री से किसान खुश

इस बार लवी मेले में सूखे मेवो के लिए विख्यात किन्नौर मार्केट के किसान अब तक के खरीद फरोख्त से खुश है. किसानों का अब तक करीब 80 फीसदी उत्पाद बिक चुका है. यहां तक कि जो गोल्डन सेब आमतौर पर 30 से 40 रुपये किलो बिकते हैं, वो गोल्डन सेब इस बार के मेले में 110 रुपये किलो के आस पास बीक रहे हैं. किन्नौर मार्केट में अपने उत्पाद बेचने आए  किसानों का कहना है कि मेले में उनके उत्पाद अच्छे दामों पर बिके हैं.

लवी मेले में बिके इतने उत्पाद

किन्नौर मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि इस मेले में अब तक गोल्डन सेब दस किलो वाले गिफ्ट पैक के करीब 1500 बॉक्स, करीब 11000 किलो खुमानी, करीब 4000 किलो चिलगोजा, ढाई हजार किलो राजमाह् और अन्य दालें, करीब 800 किलो सुखा सेब, 900 लीटर चुली का तेल, जौ का सत्तू 500 किलो,और 700 किलो बादाम बिका है. इसके अलावा अफगानी खुमानी और बादाम कि भी खूब बिक्री हुई है, जबकि मेला मैदान में आए अन्य व्यापारी खरीदारों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए व्यापारिक गतिविधियों को कुछ दिन और बढ़ाने की प्रशासन से मांग कर रहे हैं. उन का तर्क है मेले में स्टॉल महंगे मिले हैं, जिसकी भरपाई के लिए और समय कि जरूरत है.

गोल्डन सेब के काफी अच्छे मिले दाम 

अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला किन्नौर मार्केट के प्रधान अमीर चंद नेगी ने बताया कि किन्नौर से हर साल 100 से अधिक किसान लवी मेले में अपने उत्पाद को बेचने के लिए स्टॉल लगाते हैं, उन्होंने बताया कि इस बार मेले में गोल्डन सेब के दाम काफी अच्छे मिले हैं, रॉयल सेब से भी महंगा गोल्डन सेब बिका है। और करीब 1500 पेटी गोल्डन सेब इस मेले मे अब तक बिका है, जबकि इस मेले में खुमानी करीब 11 टन, राजमाह् करीब 3 टन, चिलगोजा करीब 4 टन, सूखा सेब 8 क्विंटल, चुली का तेल 800 से 900 लीटर, सत्तू नंगे जौ से बना करीब 5 कुंतल बिका है, किन्नौर मार्किट के किसान सब खुश है.

किसानों के लिए अच्छा रहा लवी मेला

किन्नौर के खादुरा गांव से आए रविंद्र नेगी ने बताया कि वह हर साल अंतरराष्ट्रीय लवी मेला में अपने उत्पाद को बेचने आते हैं. किन्नौर के जितने भी उत्पाद है वे इस मेले में बेचते हैं, चाहे राजमाह् हो, खुमानी, चुली का तेल काला जीरा हो. उन्होंने बताया कि इस बार अभी तक मेला उन के लिए काफी अच्छा चला है. एक दूसरे किसान चंद्र कुमार ने बताया वे हर साल इस मेले में अपने उत्पाद ले कर आएं हैं, जिसमें बादाम, खुमानी,अखरोट, चुली का तेल, राजमाह् आदि शामिल है, उन्होंने बताया कि उनका सामान काफी अच्छा बिका है, करीब 80 फ़ीसदी सामान अब तक बिक चुका है.

मेले को थोड़े दिन और बढ़ाने की मांग

किन्नौर मूरंग गांव से आई कृष्णा नेगी ने बताया कि वह अपने हाथों से बने उत्पाद मेले में लेकर के आते हैं और उनके उत्पाद मेले में अच्छे दाम पर बिकते हैं. बुशहर बुनकर सोसाइटी के चंद्र मोहन ने बताया कि शुरू में लवी मेला मैदान में मंदी छाई रही, अब खरीदारों की भीड़ बढ़ रही है. वे चाहते हैं कि थोड़ा वक्त और मिल जाता तो उनका कारोबार अच्छा चलता, क्योंकि इस बार स्टॉल के दाम भी अधिक लिए गए हैं. (बिशेषर नेगी की रिपोर्ट)

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