अगस्त महीने में हुई भारी बारिश के चलते खरीफ सहित बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. इससे किसानों के लिए फायदा तो दूर लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. खास कर महाराष्ट्र के पुणे जिले में बारिश ने बहुत अधिक तबाही मचाई है. यहां के पुरंदर, हवेली, अम्बेगांव, जुन्नार, शिरुर, भोर और वेल्हे तहसीलों में करीब 3,100 हेक्टेयर में लगी खरीफ फसलों पर बारिश का प्रभाव देखने को मिल रहा है. इससे 4.6 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कृषि अधिकारी संजय कचोले ने शुक्रवार को बताया कि बारिश से 7,700 किसान प्रभावित हुए हैं. हमने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने कहा कि जिले के 117 गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. नुकसान कुल क्षेत्रफल का 33 फीसदी से अधिक है. इन किसानों को अगले कुछ महीनों में सरकार के आवंटन के अनुसार मुआवजा मिलेगा. साथ ही कृषि अधिकारियों ने 14 गांवों में 9.5 हेक्टेयर भूमि को हुए नुकसान की भी सूचना दी है. कुल नुकसान 4.9 लाख रुपये होने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें- PM मोदी ने MSP पर कांग्रेस को दी चुनौती, कहा- हिम्मत है तो किसान योजनाएं तेलंगाना- कर्नाटक में लागू करे
कचोले ने कहा कि खेतों की मिट्टी बारिश के पानी में बह गई है. करीब 103 किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. कृषि अधिकारियों के अनुसार, अगस्त के अंतिम सप्ताह में लगातार बारिश ने फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, क्योंकि खेतों में बारिश का पानी जमा हो गया है. एक वरिष्ठ कृषि अधिकारी ने कहा कि किसान जमा हुए पानी को चैनलाइज करने के लिए कुछ नहीं कर सके. अतिरिक्त जमाव ने फसलों और जमीन को नुकसान पहुंचाया है. कई स्थानों पर, 24 घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई.
वहीं, जून, जुलाई और अगस्त में लगातार बारिश के कारण जिले में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक बुवाई दर्ज की गई है. अधिकारियों ने कहा कि खरीफ फसलों का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है, क्योंकि फसलों की वृद्धि अच्छी रही है.
ये भी पढ़ें- Sugarcane sowing: शरदकालीन गन्ने की बुवाई से पहले इन पहलुओं पर दें ध्यान, मिलेगी बंपर उपज
इस बीच, खेड़ तहसील के किसान कार्यकर्ता श्रीपद लोनारी ने कहा कि आमतौर पर, सरकार महीनों तक मुआवजा जारी नहीं करती है. प्रभावित किसान अक्सर रबी सीजन के लिए पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष करते हैं. हम संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे को उठाने और जल्द से जल्द पैसा जारी करने का आग्रह करते हैं. पुरंदर के किसान आकाश जाधव ने कहा कि भारी बारिश के कारण दो एकड़ जमीन पर बोई गई मेरी सोयाबीन की 60 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई. मुझे फसल का आधा हिस्सा भी नहीं मिलेगा. यह बहुत बड़ा नुकसान है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today