महाराष्ट्र के पुणे जिले में पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश से किसानों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. जुन्नार, भोर और मुलशी तहसीलों में लगभग 24 एकड़ भूमि पर फसल बर्बाद हो गई है. खास बात यह है कि इसकी जानकारी जिले के आपदा सेल द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट से मिली है. अधिकारियों ने कहा है कि इंदापुर और बारामती तहसीलों में पंचनामा किया जा रहा है. क्योंकि इन दो सहसीलों में बारिश से अधिक प्रभावित गांव हो सकते हैं. इसी बीच इंदापुर तहसील के पश्चिमी क्षेत्र में तेज हवाओं से भी फसल की चौपट होने की सूचना है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा कुछ घरों की छतों को भी नुकसान पहुंचा है. बारामती में, कई पेड़ उखड़ गए हैं और आम, अनार व अन्य फलों के बागान तेज़ हवाओं से प्रभावित हुए हैं. जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई को बताया कि जिन फसलों में कुल क्षेत्रफल का 33 फीसदी से अधिक नुकसान दर्ज किया गया है, उन्हें राज्य सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा. हम कृषि अधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
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इंदापुर तहसील के एक अधिकारी ने कहा कि इंदापुर तहसील में सबसे ज्यादा नुकसान कलास, दलज, बादलवाड़ी और पलासदेव गांवों में हुआ है. तेज हवाओं के कारण किसान दादा जाधव के घर की छत क्षतिग्रस्त हो गई. इस कारण उनका 40 बोरा अनाज भारी बारिश में खराब हो गया. इसी तरह, पिछले दो दिनों में तीन और किसानों को इस प्रकार का नुकसान हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि बारामती के उंदावाड़ी पथार, सोनावाड़ी, सुपे, कारखेल, खराडेवाड़ी और जलगांव सुपे गांव भी बारिश के कारण प्रभावित हुए हैं. तहसील प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि तेज हवाओं और बारिश के कारण इन गांवों में पशु शेड क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
जिला कृषि कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि बारिश ने जिले में फल उत्पादकों के लिए स्थिति और खराब कर दी है. जिला कृषि अधिकारी संजय कचोले ने बताया कि गर्मी की फसलें, मुख्य रूप से बाजरा बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. साथ ही कटाई के चरण में लगे फलों के बागानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. उदाहरण के लिए, आम उत्पादकों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि तेज हवाओं के कारण फल गिर गए हैं. कचोले ने कहा कि बारिश से कई जगहों पर भूजल स्तर में सुधार नहीं हुआ है.
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