हरियाणा में MSP पर फसल खरीद जारी, किसानों को 3387 करोड़ का भुगतान

हरियाणा में MSP पर फसल खरीद जारी, किसानों को 3387 करोड़ का भुगतान

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि चालू खरीफ सीजन के दौरान अब तक मंडियों में 3.47 लाख मीट्रिक टन बाजरे की आवक हुई है, जिसमें से 3.05 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है. मंडियों से 1,14,358 मीट्रिक टन का उठान किया जा चुका है.

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हरियाणा में MSP पर फसल खरीद जारी, किसानों को 3387 करोड़ का भुगतानMSP पर फसल खरीद जारी

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में नवगठित मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करने उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की खरीफ फसलों का एक-एक दाना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीदने के लिए कटिबद्ध है. चालू खरीफ सीजन के दौरान धान और बाजरे की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है. अब तक मंडियों में 30 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 25,55,319 मीट्रिक टन धान की खरीद एमएसपी पर की जा चुकी है. धान खरीद के लिए किसानों को 3,056 करोड़ रुपये का भुगतान सीधा किसानों के खातों में किया जा चुका है. साथ ही मंडियों से 13,90,199 मीट्रिक टन धान का उठान किया जा चुका है.

किसानों को 331 करोड़ रुपये का भुगतान

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि चालू खरीफ सीजन के दौरान अब तक मंडियों में 3.47 लाख मीट्रिक टन बाजरे की आवक हुई है, जिसमें से 3.05 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है. मंडियों से 1,14,358 मीट्रिक टन का उठान किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि बाजरा खरीद के लिए किसानों को 331 करोड़ रुपये का भुगतान सीधा किसानों के खातों में किया जा चुका है.

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पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी 

पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस विषय को लेकर प्रदेश के किसानों की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा लगातार किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है और पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर विभिन्न उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके.

सरकार ने नोडल अधिकारी किए तैनात 

आपको बता दें कि पराली जलाने से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने 3,224 नोडल अधिकारी तैनात किए हैं और 2018-19 के कृषि सीजन से किसानों को रियायती दरों पर फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीन उपलब्ध कराए हैं. राज्य सरकार इस मशीन की खरीद पर इंसेंटिव भी दे रही है. राज्य सरकार की ओर से सीआरएम मशीन का उपयोग करने के लिए 1,000 रुपये प्रति एकड़ और धान की पराली को गौशालाओं तक पहुंचाने के लिए 500 रुपये प्रति एकड़ का इंसेंटिव दिया जा रहा है.

  
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