हरियाणा के यमुनानगर जिले की मंडियों में गेहूं की आवक अभी भी जोर नहीं पकड़ रही है, क्योंकि मार्च में असामयिक बारिश और लंबे समय तक ठंडे मौसम के कारण फसल की कटाई में देरी हुई है. जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष जिले की अनाज मंडियों में 17 अप्रैल तक 1,54,442 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी. हालांकि, इस वर्ष 17 अप्रैल तक जिले में केवल 79,567 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई, जो पिछले वर्ष की आवक से लगभग 48.5 प्रतिशत कम है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, यमुनानगर के सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि इस साल मार्च में बारिश और क्षेत्र में लंबे समय तक ठंडे मौसम की स्थिति के कारण यमुनानगर जिले में गेहूं की फसल की कटाई थोड़ी देर से शुरू हुई. अब, जल्दी बोई गई गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो गई है, लेकिन देर से बोई गई गेहूं की फसल के पकने में कुछ और समय लगेगा.
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, 17 अप्रैल तक यमुनानगर शहर की अनाज मंडी में केवल 51 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है, जो जिले की अनाज मंडियों में सबसे कम खरीद है. सरस्वती नगर की अनाज मंडी में 17,474 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई, जो जिले में सबसे ज्यादा खरीद है. बिलासपुर की अनाज मंडी में 11,278 मीट्रिक टन और रादौर अनाज मंडी में 12,130 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई. जगाधरी की अनाज मंडी में 11,689 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है.
जगाधरी की अनाज मंडी में अपनी गेहूं की फसल बेचने आए गांव बमभोल के किसान साजिद ने कहा कि मुझे इस अनाज मंडी में अपनी उपज बेचने में कोई परेशानी नहीं हुई. उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की फसल की खरीद सुचारु रूप से चल रही है. उन्होंने कहा कि मैंने संबंधित अधिकारियों को जिले की सभी अनाज मंडियों में पीने के पानी, सफाई, शौचालय और बिजली जैसी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि किसानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.
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वहीं, सिरसा जिले की अनाज मंडियों में उपज की धीमी उठान हो रही है. इसके चलते मंडी में जगह की कमी हो गई है. बाजार की सड़कों पर गेहूं और सरसों की बोरियों का ढेर देखा जा सकता है, जिससे लोगों को सड़क जाम का सामना करना पड़ रहा है.
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