हरियाणा में गेहूं खरीद की रफ्तार हुई धीमी, अभी तक मंडियों से 75 प्रतिशत उपज का ही हुआ उठान

हरियाणा में गेहूं खरीद की रफ्तार हुई धीमी, अभी तक मंडियों से 75 प्रतिशत उपज का ही हुआ उठान

जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) सुरेंद्र सैनी ने कहा कि शुक्रवार तक 75 प्रतिशत से अधिक उपज उठा ली गई, जिन किसानों की उपज उठाई जा चुकी है उनका लगभग 97 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है. सुरेंद्र सैनी ने कहा कि अब मंडियों में गेहूं की आवक कम होने लगी है और खरीदे गए गेहूं को उठाने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

Advertisement
हरियाणा में गेहूं खरीद की रफ्तार हुई धीमी, अभी तक मंडियों से 75 प्रतिशत उपज का ही हुआ उठानहरियाणा में गेहूं खरीद को लेकर बड़ी खबर. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की अनाज मंडियों में ताजा गेहूं के स्टॉक की आवक में गिरावट आई है. ऐसे में खरीद एजेंसियों ने इन स्टॉक की उठान प्रक्रिया में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है. एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी गई कुल उपज का 75 प्रतिशत (4,19714 मीट्रिक टन) से अधिक शुक्रवार शाम तक उठा लिया गया था. जबकि, जिले की कई अनाज मंडियों में 5,58,237 मीट्रिक टन से अधिक स्टॉक खरीदा गया. इसमें से लगभग 2,000 मीट्रिक टन निजी व्यापारियों द्वारा खरीदा गया था और लगभग 5,56,236 मीट्रिक टन सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने अपने खरीदे गए स्टॉक का 74 प्रतिशत उठा लिया है. नाफेड और एचएसडब्यूसी ने क्रमशः 76 प्रतिशत और 81 प्रतिशत खरीदी गई उपज उठा ली है. किसानों ने कहा कि उठान की प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि उनका भुगतान समय पर हो सके. जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) सुरेंद्र सैनी ने कहा कि शुक्रवार तक 75 प्रतिशत से अधिक उपज उठा ली गई है, जिन किसानों की उपज उठाई जा चुकी है उनका लगभग 97 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- Climate Change: डेयरी पशुओं पर इस तरह असर डाल रहा है जलवायु परिवर्तन, जानें क्या बोले एक्सपर्ट

गेहूं उठान प्रक्रिया में आएगी तेजी

सुरेंद्र सैनी ने कहा कि अब मंडियों में गेहूं की आवक कम होने लगी है और खरीदे गए गेहूं को उठाने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. हमारा लक्ष्य एक सप्ताह के भीतर सभी खरीदे गए स्टॉक को उठाना है. उन्होंने कहा कि थानेसर अनाज मंडी में उठान धीमी गति से हो रहा है, क्योंकि यह कैथल में अदानी साइलो से जुड़ा हुआ है और दो जिलों (कुरुक्षेत्र और कैथल) की अनाज मंडियों की दूरी और जुड़ाव के कारण स्टॉक उतारने में समय लगता है. हालांकि, हम एफसीआई के जिला प्रबंधक के संपर्क में हैं और लेबर पॉइंट बढ़ा दिए गए हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द ही उठान में सुधार होगा. सीज़न सुचारू रूप से चल रहा है.

5.58 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक

जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी (डीएमईओ) राजीव चौधरी ने कहा कि 15 अप्रैल के आसपास आवक में तेजी आनी शुरू हुई और अगले कुछ हफ्तों में अनाज बाजार ताजा आवक से भर गए. अब तक 5.58 लाख मीट्रिक टन से अधिक स्टॉक आ चुका है. कुल उपज का लगभग 98 प्रतिशत अनाज मंडियों में होता है. हालांकि, दैनिक आवक घटकर 20,000 से 30,000 क्विंटल प्रतिदिन रह गई है और अगले सप्ताह तक आवक समाप्त होने की उम्मीद है. उठान एक मैन्युअल प्रक्रिया है और स्टॉक साफ़ करने में समय लगता है. हमें उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर लिफ्टिंग भी पूरी हो जाएगी.

ये भी पढ़ें-  Arhar Crop: अरहर की ये किस्में दिलाएंगी बंपर मुनाफा, बुवाई से पहले जान लें बीज उपचार का सही तरीका

 

POST A COMMENT