हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों किसानों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि आगजनी की घटनाओं के कारण फसलों के नुकसान को लेकर सरकार की तरफ से किसानों को मुआवजा राशि जारी कर दी गई है. सरकार की तरफ से इस फैसले को किसान कल्याण को लेकर उसकी प्रतिबद्धता के तौर पर बताया गया है. आपको बता दें कि हरियाणा में पिछले दिनों आग लगने की घटनाओं के कारण किसानों को बड़े स्तर पर फसलों का नुकसान झेलना पड़ा था.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा सिविल सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के 17 जिलों के 151 किसानों के खातों में करीब 324 एकड़ क्षेत्र के लिए लगभग 86.96 लाख रुपये जारी किए हैं. इन जिलों में अंबाला, मेवात, पलवल, फरीदाबाद और पंचकूला शामिल नहीं हैं. इस राशि को एक समान अनुपात में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर यह भी बताया कि जिन किसानों की फसल आगजनी से जली है, उनको सरकार की तरफ से अगली फसल की बुवाई के लिए खाद और बीज भी मुफ्त में दिए जाएंगे.
सरकार का कहना है कि यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार होगा जब फसलों में हुई आगजनी का मुआवजा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से भी दिया जा रहा है. ऐसे में किसानों को सामान्य तौर पर मिलने वाले मुआवजे से इस बार डबल मिल रहा है. सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा किसान की तरक्की और उसके हित में काम कर रही है. सीएम के अनुसार किसान अन्नदाता है और ऐसे में उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी.
सीएम सैनी ने कहा कि पिछले दिनों खेतों में बड़ी संख्या में आग की घटनाओं के कारण राज्य में 2025 सीजन की रबी फसल को हुए नुकसान की सूचना मिली थी. इसे देखते हुए उनकी सरकार ने संबंधित किसानों से नुकसान के दावे प्राप्त करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने का निर्णय लिया. इसके बाद, राजस्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को दावों का तुरंत वैरीफिकेशन करने और अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए गए.
फसल के नुकसान से संबंधित मुआवजे के दावों के लिए और उन्हें वैरीफाई करने के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल के जरिये से ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल चलाया जा रहा है. पोर्टल को राज्य सरकार ने रबी सीजन 2023 से प्राकृतिक आपदाओं के कारण चौपट हुई फसलों के दावों के लिए लॉन्च किया था. इस पोर्टल पर किसान खुद अपनी फसल के नुकसान का दावा प्रस्तुत करते हैं. निर्धारित मानदंडों के अनुसार उचित प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन मोड के जरिये से मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है. इस ऑनलाइन प्रक्रिया ने मुआवजे के दावे की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ-साथ पारदर्शी बनाया है.
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