घरेलू आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 से प्याज निर्यात पर रोक लगा रखी थी, जिसे मई 2024 के पहले सप्ताह में खोल दिया गया है. इसके बावजूद मंडियों में प्याज की कीमत ऊपर जाने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, प्रमुख राज्यों में खरीफ प्याज की बुवाई प्रभावित होने की आशंका के चलते उत्पादन पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी कम रहने का अनुमान है. ऐसे में अगले साल प्याज की किल्लत से बचने के लिए केंद्र प्याज स्टोरेज के लिए वातावरण अनुकूलित रेडिएशन प्रॉसेसिंग यूनिट स्थापित करने की तैयारियों में जुटा है. यूनिट के लिए 4 बड़े शहरों को चिह्नित किया गया है, जहां सहकारी समितियां रेडिएशन प्रॉसेसिंग फैसेलिटी के लिए संभावना तलाश रही हैं. रेडिएशन प्रॉसेसिंग से प्याज की सेल्फ लाइफ लंबे समय के लिए बढ़ जाती है.
देश की खाद्य सुरक्षा पक्का करने के उद्देश्य से सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है और फिर खाद्यान्न को रेलवे रेक के माध्यम से भंडारण और वितरण के लिए पूरे देश में पहुंचाती है. स्टेशन पर रेल वैगन से खाद्यान्न को उतारकर ट्रक पर लोड किया जाता है और उसके बाद ट्रक के जरिए खाद्यान्न को गोदाम तक पहुंचाया जाता है. ट्रांसपोर्टेशन की उपलब्धता आसान रहने के चलते प्याज स्टोरेज के लिए भी रेडिएशन प्रॉसेसिंग यूनिट रेलवे स्टेशनों के पास स्थापित करने के लिए सहकारी समितियों नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) को फेसेलिटी तलाशने के लिए निर्देशित किया गया है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव ने पीटीआई को पिछले सप्ताह बताया था कि हम उपभोक्ता क्षेत्रों के आसपास 50 प्याज रेडिएशन केंद्रों की पहचान कर रहे हैं. अगर हम सफल रहे तो इस साल 1 लाख टन तक प्याज रेडिएशन प्रॉसेसिंग के जरिए स्टोरेज की जा सकेगी. सचिव ने कहा कि बफर स्टॉक के तुरंत ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों के नजदीक वातानुकूलित स्टोरेज फेसेलिटी रेडिएशन यूनिट लगाने की तैयारी चल रही है.
सहकारी समितियां NAFED और NCCF प्याज के 5 लाख टन बफर स्टॉक के लिए खरीद कर रहीं हैं. इन समितियों से सोनीपत, थाने, नासिक और मुंबई जैसे प्रमुख खपत केंद्रों के आसपास रेडिएशन प्रॉसेसिंग यूनिट ढूंढने और स्थापित करने के लिए निर्देशित किया गया है. पिछले साल महाराष्ट्र के निकट 1,200 टन के छोटी स्टोरेज कैपेसिटी पर रेडिएशन प्रॉसेसिंग की कोशिश की गई थी. इस बार बफर स्टॉक से अतिरिक्त 1 लाख टन प्याज रेडिएशन प्रॉसेसिंग के जरिए स्टोरेज करने की तैयारी है.
केंद्र सरकार के अनुमान के मुताबिक प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कम पैदावार के कारण 2023-24 में कुल उत्पादन की तुलना में खरीफ सीजन 2024-25 में 16 प्रतिशत घटकर 250 लाख टन से अधिक उत्पादन होने का अनुमान है. उत्पादन में गिरावट की आशंकाओं के चलते केंद्र को प्याज के रेडिएशन प्रॉसेसिंग के जरिए स्टोरेज करने के लिए एक्शन लेने पर मजबूर किया है. रेडिएशन प्रॉसेसिंग के जरिए प्याज की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है, प्याज का वजन, रंग और स्वाद लंबे समय बाद भी पहले जैसा ही बना रहता है.
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