फिर से जिंदा होंगी जिला मौसम विज्ञान इकाइयां, जानिए कैसे किसानों की होगी मदद 

फिर से जिंदा होंगी जिला मौसम विज्ञान इकाइयां, जानिए कैसे किसानों की होगी मदद 

साल 2018 में, सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के परिसर में 530 जिला एग्रोमेट यूनिट स्थापित करके इसकी पहुंच बढ़ाने का फैसला लिया. लेकिन कोविड महामारी का इस प्रक्रिया पर खासा असर पड़ा. इसकी वजह से सिर्फ 199 DAMU स्थापित किए जा सके. इनमें से हर में दो कॉन्‍ट्रैक्‍ट एंप्‍लॉईज - SMS एग्रोमेट और एग्रोमेट ऑब्जर्वर थे. 

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फिर से जिंदा होंगी जिला मौसम विज्ञान इकाइयां, जानिए कैसे किसानों की होगी मदद जिला मौसम विज्ञान यूनिट्स की वजह से किसानों को होगा फायदा!

केंद्र सरकार जिला कृषि मौसम विज्ञान इकाइयों(डीएएमयू) के नेटवर्क को पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है, अधिकारियों की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. इस यूनिट पर  देश के लाखों किसानों को विस्तृत ब्लॉक-स्तरीय मौसम संबंधी जानकारी देने की जिम्‍मेदारी थी. मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस साल की शुरुआत में उन्हें बंद करने का निर्देश दिया था.  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश सहित कई राजनेताओं ने इसे बंद करने का विरोध किया था. 

क्‍या थी बड़ी मुश्किल 

एक अधिकारी से सवाल किया गया था कि क्‍या जिला कृषि मौसम विज्ञान इकाइयों (डीएएमयू) को पुनर्जीवित करने की कोई योजना है? इस सवाल के जवाब में एक अधिकारी ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'ह्यूमन इंटेलीजेंस मौसम के पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, फिर भी हम मॉडल, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग करते हैं.' उन्‍होंने आगे कहा, 'डीएएमयू टेंम्‍प्ररेरी नेचर के थे जिनमें कर्मचारियों को हर प्रोजेक्‍ट के आधार पर रखा जाता था. एडहॉक पोस्‍ट की वजह से मौसम के पूर्वानुमान करने की क्षमता और गुणवत्‍ता पर असर पड़ा था. इस बार एक परमानेंट स्‍ट्रक्‍चर होगा. इसमें परमानेंट और कॉन्‍ट्रैक्‍ट कर्मचारी दोनों शामिल होंगे.' इस अधिकारी की मानें तो उनका मकसद प्रक्रिया को औपचारिक बनाना और स्‍ट्रक्‍चर्ड करना है. 

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साल 2015 में हुई शुरुआत 

साल 2015 में सरकार ने किसानों को फसल और स्‍पेस्फिक लोकेशन एडवाइजरी देने के लिए ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (GMSV) शुरू की थी. इससे  उन्हें रोजाना के फैसले लेने में मदद  मिली. पिछले कुछ सालों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की मदद से देश में कृषि-जलवायु क्षेत्रों में 130 एग्रोमेट फील्ड यूनिट (AMFU)स्थापित किए गए हैं. हर AMFU चार से पांच जिलों को सर्विसेज मुहैया कराता है.

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साल 2018 में, सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के परिसर में 530 जिला एग्रोमेट यूनिट स्थापित करके इसकी पहुंच बढ़ाने का फैसला लिया. लेकिन कोविड महामारी का इस प्रक्रिया पर खासा असर पड़ा. इसकी वजह से सिर्फ 199 DAMU स्थापित किए जा सके. इनमें से हर में दो कॉन्‍ट्रैक्‍ट एंप्‍लॉईज - SMS एग्रोमेट और एग्रोमेट ऑब्जर्वर थे. 

फसल बीमा योजना में मिलती मदद 

पिछले साल फरवरी में हुई व्यय वित्त समिति की बैठक में नीति आयोग के एक वरिष्‍ठ सलाहकार ने 'हर डीएएमयू में कर्मचारियों को उपलब्ध कराने की जरूरत' का पुनर्मूल्यांकन करने का सुझाव दिया था. अधिकारी ने सुझाव दिया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के पास 'रीजनल यूनिट्स के बजाय सेंट्रलाइज्ड यूनिट्स हो सकती हैं क्योंकि डेटा का कलेक्‍शन ऑटोमैटिक है.' 17 जनवरी को, आईएमडी ने सभी डीएएमयू को चिट्ठी लिखकर उन्हें वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक अपने ऑपरेशंस को बंद करने के लिए कहा.  

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सूत्रों के अनुसार, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय चाहता है कि कृषि मंत्रालय डीएएमयू के लिए खर्च उठाए. डीएएमयू कर्मचारियों ने कहा कि लाखों किसान महत्वपूर्ण कृषि मौसम संबंधी सलाह के लिए उन पर निर्भर हैं. इससे उन्हें खराब मौसम और जलवायु प्रभावों के खिलाफ लचीलापन बढ़ाने, उनके नुकसान को कम करने और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत दावा राशि में कमी लाने में मदद मिली है.

 
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