हरियाणा के किसानों के एक बड़ी खुशखबरी है. पिंजौर में सेब (फल) और सब्जी मंडी 15 जुलाई को चालू कर दी जाएगी. इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह ने की है. इस मंडी में सेब बेचने के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं 15 जुलाई से पहले उपलब्ध कराई जाएंगी. पंचकूला जिले के पिंजौर में तैयार हो रही यह हरियाणा की आधुनिक सेब मंडी हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के भी सेब उत्पादक किसानों के लिए व्यापार का बड़ा केंद्र बनेगी. लगभग 78 एकड़ में स्थापित की जा रही इस मंडी में सेब के अलावा अन्य फल और सब्जियों की भी बिक्री होगी.
चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य भर में कृषि बाजारों को चलाने की क्षमता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए. बता दें कि हरियाणा के सोनीपत स्थित गन्नौर में 544 एकड़ में अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी विकसित की जा रही है. दावा किया गया है कि यह देश की सबसे बड़ी बागवानी मंडी मंडी है, जिसके बनने से हरियाणा के किसानों को काफी फायदा होगा. हरियाणा सरकार कोशिश कर रही है कि राज्य के किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर बागवानी की तरफ रुख करें, जिसमें उन्हें ज्यादा फायदा होगा.
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मुख्यमंत्री ने कृषि कार्य के दौरान लाभार्थी पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना के तहत आयु पात्रता 65 वर्ष से बढ़ाकर 75 वर्ष करने की घोषणा की है. बिजली गिरने से होने वाली मृत्यु, पशु-संबंधी दुर्घटनाओं और ट्यूबवेलों से जहरीली गैसों के रिसाव को शामिल कर योजना का विस्तार किया जाएगा. विभाग ने पिछले 7 वर्षों में योजना के तहत लाभार्थियों को 134 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.
इस योजना के दायरे में आने वाले दावेदारों में मृत्यु की स्थिति में मुआवजा 5,00,000 रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या अन्य कारणों से हुई स्थायी विकलांगता के लिए सहायता राशि 2,50,000 रुपये, दो अंगों के कटने या स्थायी गंभीर चोट के मामले में 1,87,500 रुपये, स्थायी गंभीर चोट या एक अंग के कटने के लिए और जहां चार उंगलियों के विच्छेदन को एक अंग के नुकसान के बराबर माना जाता है, उसके लिए मुआवजा 1,25,000 रुपये मिलेगा. यदि पूरी उंगली कट जाती है, तो प्रदान की जाने वाली सहायता 75,000 रुपये, उंगली के आंशिक तौर पर कटने के लिए वित्तीय सहायता 37,500 रुपये की गई है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 7 नई अटल किसान मजदूर कैंटीन खोली जाएंगी. पहले से चल रही 40 कैंटीनों को मिला कर 47 कैंटीन हो जाएगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे कि कवर किए गए शेड, प्लेटफार्मों और जल निकासी प्रणालियों की मरम्मत आदि कार्य अगले खरीफ सीजन से पहले पूर्ण कर लिए जाएं. इन कैंटीनों में 10 रुपये में खाना मिलता है.
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