गुजरात विश्व प्रसिद्ध केसर आम की मिठास के लिए जाना जाता है. यह गुजराती आम की एक विशेष किस्म है, जिसके माध्यम से दुनिया भर में इसकी पहचान बढ़ती जा रही है. इस आम का न सिर्फ अनोखा स्वाद है, बल्कि ये कमाई के लिए भी काफी मशहूर आम है. वहीं केसर आम गुजरात के गिर क्षेत्र में उगाया जाता है. ऐसे में गिर क्षेत्र के अलग-अलग गांवों के किसान गन्ने की खेती को छोड़कर मुख्य रूप से केसर आम की खेती करने लगे हैं.
इस बदलाव के पीछे का कारण ये है कि केसर आम अपने असाधारण स्वाद, सुगंध और रंग के लिए काफी मशहूर है. साथ ही इस आम की बढ़ती हुई लोकप्रियता और अच्छी कमाई को देखते हुए भी किसान इस आम की खेती कर रहे हैं.
इस क्षेत्र में आम के किसानों के लिए बिक्री और खरीद के लिए बाजार की भी व्यवस्था की गई है. यहां कृषि उपज विपणन समिति (APMC) है जहां किसान आम की बिक्री करते हैं. यहां किसान अपनी उपज को बेचते हैं. किसानों को उनकी उपज की कीमत क्वालिटी के अनुसार 100 से 150 रुपये किलो तक मिलती है. वहीं इस आम की आपूर्ति और क्वालिटी के आधार पर 700 से 1400 रुपये के बाजार भाव पर कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचा जाता है. गुजरात के गिर क्षेत्र में लगभग 20 से 25 हजार एकड़ भूमि पर केसर आम की खेती की जाती है.
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गिर क्षेत्र के किसान गन्ने की खेती को छोड़ने के बाद केसर आम की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. एक किसान ने बताया कि खेती के सारे खर्चे काटने के बाद वे प्रति किलो 100 से 200 रुपये की कमाई कर लेते हैं. यानी केसर आम की बढ़ती हुई मांग से किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है. वहीं इस क्षेत्र के किसान एक एकड़ जमीन से औसत करीब एक लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं.
ऐसा माना जाता है कि उत्तम स्वाद, बनावट और सुगंध के चलते इसे आमों की रानी कहा जाता है. इसलिए इसे आम की अन्य किस्मों से बेहतर माना जाता है. केसर आम अपने केसरिया रंग के गूदे और मलाईदार, गाढ़े गूदे के लिए भी जाना जाता है. केसर आम भी उतना ही लोकप्रिय है जितना अल्फांसो आम है. गिर केसर आम की उत्पत्ति जूनागढ़, गुजरात, भारत में हुई थी. साथ ही केसर आम के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. इसमें विटामिन ए होता है, जो आंखों की रोशनी और हड्डियों को मजबूत बनाता है.
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