गाजर की खेती किसानों के लिए है मुनाफे का सौदा, ठंड के मौसम में होगी तगड़ी कमाई, जानें तरीका

गाजर की खेती किसानों के लिए है मुनाफे का सौदा, ठंड के मौसम में होगी तगड़ी कमाई, जानें तरीका

सर्दियों के दिनों में भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में गाजर की मांग काफी बढ़ जाती है. ऐसे में अगर आप भी खेती करते हैं या खेती की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो इस सीजन में आप भी गाजर की खेती कर तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. जानिए गाजर की खेती का तरीका...

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गाजर की खेती किसानों के लिए है मुनाफे का सौदा, ठंड के मौसम में होगी तगड़ी कमाई, जानें तरीकागाजर की खेती. (फाइल फोटो)

भारत एक कृषि प्रधान देश है. ऐसे में यहां हर समय किसी न किसी फसल की खेती होती रहती है. वहीं, यहां खेती के लिए उपयुक्‍त दर्जनों प्रकार की मिट्टियां भी उपलब्‍ध है और बारिश भी ठीक से होती है. ऐसे में अगर आप भी खेती करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप गाजर की खेती एक अच्‍छा फैसला साबित हो सकता है. जड़ वाली सब्जियों में  गाजर का प्रमुख स्‍थान है. इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है, जो आंखों और बालों के लिए अच्‍छी होती है.

बाजार में सालभर रहती है डिमांड

गाजर का उपयोग कच्‍ची खाने में, आचार, सलाद, हलवा, फास्‍ट फूड और सब्‍जी बनाने में किया जाता है. यही वजह है कि बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. सर्दियों के सीजन में तो इसकी काफी डिमांड रहती है. ऐसे में आप गाजर की खेती से कम समय में बंपर कमाई कर सकते हैं. हालांक‍ि, गाजर की सही किस्‍म का चयन यहां बहुत मायने रखता है. आइए जानें गाजर की खेती के बारे में...

भुर-भुरी दोमट मिट्टी बेस्‍ट

गाजर की खेती के लिए अगस्‍त माह से नवंबर माह तक का समय एकदम सही रहता है. यूं तो गाजर सभी प्रकार की मिट्टि‍यों में उगाई जा सकती है, लेकिन अगर आपको बहुत अच्‍छी उपज (पैदावार) चाहि‍ए तो भुर-भुरी दोमट मिट्टी बेस्‍ट रहती है. गाजर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 या इसके आसपास सबसे सही माना जाता है.  

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ऐसे करें जमीन तैयार

गाजर की खेती के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें. इसके बाद 2 से तीन बार कल्‍टीवेटर चलाएं और जमीन समतल करें.

खाद की जरूरत

गाजर की खेती में 150 क्विंटल गोबर की खाद अथवा कम्पोस्ट, 75 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से नाइट्रोजन जरूरी है. इसमें गोबर की खाद, स्फुर (फॉस्‍फोरस) और पोटाश जमीन तैयार करने के दौरान और नाइट्रोजन बुआई के 15 और 30 दिन बाद दें.

बीज मात्रा व बीजोपचार

गाजर की खेती के लिए प्रति हेक्‍टेयर 5 से 6 किलोग्राम बीज आवश्‍यक रहते हैं. बुआई के पहले इन्‍हें उपचारि‍त करना जरूरी है, ताकि आर्द्रगलन जैसे रोग न लगे. इसके लिए कार्बेन्डाझीम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करना चाहिए.

गाजर की पैदावार

गाजर की औसत पैदावार कम से कम 120 क्विंटल प्रति हेक्‍टेयर और 200 से 225 क्विंटल प्रति हेक्‍टेयर अध‍िकतम होती है. कुछ किस्‍मों में अध‍िकतम पैदावार और भी ज्‍यादा हो सकती है.

गाजर की किस्‍में

नैन्टिस, पूसा मेघाली, पूसा रुधि‍र, पूसा आंस‍िता, पूसा केसर, पूसा यम‍दग्नि, चैटेनी, इंपरेटर आद‍ि गाजर की किस्‍में है.

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