FCI ने नवंबर में जमकर खरीदा चावल, फिर भी टारगेट से 11 फीसदी पिछड़ा 

FCI ने नवंबर में जमकर खरीदा चावल, फिर भी टारगेट से 11 फीसदी पिछड़ा 

केंद्रीय पूल स्टॉक में अनाज का सबसे बड़ा योगदान देने वाले पंजाब में चावल की खरीद 17 नवंबर तक 102.97 लाख टन तक पहुंच गई, जो एक साल पहले 115.66 लाख टन खरीद से 11 फीसदी कम है.

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FCI ने नवंबर में जमकर खरीदा चावल, फिर भी टारगेट से 11 फीसदी पिछड़ा भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने नवंबर महीने में चावल की जमकर खरीद की है.

देशभर में 1 अक्टूबर से शुरू हुई चावल खरीद जारी है. हरियाणा में खरीद अवधि खत्म हो गई है. जबकि, पंजाब में अगले 10-12 दिन तक और खरीद होगी. जबकि, अन्य राज्यों में खरीद जारी है. केंद्रीय पूल के लिए चावल खरीद करने वाली प्रमुख एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने नवंबर महीने में चावल की जमकर खरीद की है. इस माह 17 नवंबर तक एफसीआई ने पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से 5 फीसदी अधिक चावल की खरीद की है. इसके बावजूद खरीद टारगेट बीते साल से 11 फीसदी पिछड़ गया है. 

भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने नवंबर महीने में चावल की खरीद में 5 फीसदी की बढ़त हासिल कर बीते साल की खरीद अंतर को 20 फीसदी से घटाकर 11 फीसदी कर लिया है. 1 अक्टूबर से देशभर में शुरू हुई चावल की खरीद 17 नवंबर तक कुल 148.93 लाख टन दर्ज की गई है. जबकि, एक साल पहले यह 166.86 लाख टन थी. इस हिसाब से खरीद टारगेट 11 फीसदी पीछे रह गया है. हालांकि, मासिक आधार पर देखें तो आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र ने इस माह 1 से 17 नवंबर के दौरान 64.69 लाख टन चावल खरीदा. जबकि, एक साल पहले यह आंकड़ा 61.35 लाख टन था. यानी नवंबर में चावल खरीद 5.44 फीसदी अधिक की गई है. 

खरीद टारगेट पार करेगा पंजाब 

केंद्रीय पूल स्टॉक में अनाज का सबसे बड़ा योगदान देने वाले पंजाब में चावल की खरीद 17 नवंबर तक 102.97 लाख टन तक पहुंच गई, जो एक साल पहले 115.66 लाख टन खरीद से 11 फीसदी कम है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने बताया कि इस महीने अकेले राज्य से 54 लाख टन धान खरीदा गया है. जबकि, मौजूदा अनाज को राज्य से बाहर भेजने का लगातार दबाव रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंजाब को उम्मीद है कि वह 124 लाख टन खरीद टारगेट को पार कर सकता है. क्योंकि वहां बंपर उत्पादन हुआ है और अगले 10 से 12 दिनों में खरीद पूरी हो सकती है. 

हरियाणा समेत कई राज्य खरीद से पिछड़े 

हरियाणा में खरीद अवधि 15 नवंबर को समाप्त हो गई है और वहां सरकार ने 35.99 लाख टन धान खरीदा, जो एक साल पहले 39.33 लाख टन से 8.5 फीसदी कम है. हरियाणा में गैर बासमती से बासमती चावल की ओर कुछ बदलाव हुआ है. नतीजतन, पिछले साल की तुलना में आवक घट गई है. इसी तरह तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड में भी 17 नवंबर तक खरीदे गए चावल बीते साल की तुलना में टारगेट से काफी पीछे हैं. 

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