विश्व नारियल दिवस के मौके पर देश के नारियल किसानों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. सरकार ने नारियल की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाया है. केरल के अंगमाली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में नारियल की खेती के लिए दी जाने वाली सरकारी आर्थिक सहायता (सब्सिडी) के बारे में नारियल विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), डॉ. प्रभात कुमार ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जो किसान नारियल का नया बाग लगाना चाहते हैं, उन्हें अब सरकार से प्रति हेक्टेयर 6,500 रुपये की जगह 56,000 रुपये की भारी-भरकम सब्सिडी मिलेगी. यह बढ़ोतरी लगभग आठ गुना है, जो किसानों का आर्थिक बोझ काफी हद तक कम करेगी और उन्हें नए बाग लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
इतना ही नहीं, अच्छी और उन्नत किस्म के नारियल पौधे तैयार करने के लिए मिलने वाली सब्सिडी को भी 8 रुपये प्रति पौधे से बढ़ाकर 45 रुपये कर दिया गया है. इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान केवल अच्छी गुणवत्ता वाले पौधे ही लगाएं, जिससे भविष्य में नारियल की पैदावार भी बेहतर होगी और उनकी आमदनी में सीधा इजाफा होगा. डॉ. कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि नारियल उगाने से लेकर, उससे नए उत्पाद बनाने और उन्हें विदेशों में बेचने तक, हर स्तर पर सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास संभव है.
इस मौके पर बोर्ड ने अपनी कई नई और बेहतर योजनाएं भी शुरू कीं. कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे इस बढ़े हुए सरकारी समर्थन का लाभ उठाकर नारियल का उत्पादन और उपज बढ़ाएं. उन्होंने कहा, "एक समय था जब केरल नारियल उत्पादन में सबसे आगे था, लेकिन अब हम पिछड़ गए हैं. हमें अपना गौरव वापस पाने के लिए मिलकर काम करना होगा."
विश्व नारियल दिवस के इस समारोह में, सिर्फ योजनाओं का ही ऐलान नहीं हुआ, बल्कि उन लोगों की मेहनत को भी सलाम किया गया जो भारत में बने नारियल उत्पादों को दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचा रहे हैं. यह सम्मान समारोह नारियल उद्योग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और उन कारोबारियों के योगदान को सराहने के लिए आयोजित किया गया था, जिन्होंने विदेशी बाजार में भारतीय नारियल उत्पादों की एक खास पहचान बनाई है.
इस कार्यक्रम में नारियल के हर हिस्से के महत्व को उजागर किया गया. नारियल खोल, जिसे अक्सर बेकार समझ लिया जाता है, उससे कीमती उत्पाद बनाकर निर्यात करने के लिए यूनाइटेड कार्बन सॉल्यूशंस को स्वर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. नारियल गिरी से बनने वाले उत्पादों, जैसे तेल और पाउडर, के निर्यात में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मुंबई की जानी-मानी कंपनी मैरिको लिमिटेड ने स्वर्ण पदक जीता.
दुनिया भर में स्वास्थ्य पेय के रूप में लोकप्रिय हो चुके नारियल पानी के निर्यात के लिए पोलाची की शक्ति कोको प्रोडक्ट्स को स्वर्ण पुरस्कार दिया गया. इस समारोह में दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए जो बेहद महत्वपूर्ण थे. पहला, कोयंबटूर की कार्ब्योर एक्टिवेटेड कार्बन को 'सर्वश्रेष्ठ महिला निर्यातक' को सम्मान मिला, जो महिला उद्यमियों की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. दूसरा पुरस्कार तिरुपुर के ग्लोबल कोकोनट फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी को 'सर्वश्रेष्ठ किसान उत्पादक संगठन (FPO)' के तौर पर दिया गया. कार्यक्रम के अंत में, किसानों और व्यापारियों की मदद के लिए नारियल की खेती के बेहतर तरीकों और बोर्ड की नई योजनाओं पर हिंदी और अंग्रेजी में किताबें भी जारी की गईं. इसका मकसद है कि सभी को योजनाओं की पूरी जानकारी आसानी से मिल सके और वे इसका लाभ उठा सकें.
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