कर्नाटक के हुबली में बैलों को मिलता है वीकऑफ, सोमवार को किसान खेत में नहीं ले जाते जानवर!  

कर्नाटक के हुबली में बैलों को मिलता है वीकऑफ, सोमवार को किसान खेत में नहीं ले जाते जानवर!  

मशहूर एक्‍टर राजेश कुमार ने एक वीडियो में बताया है कि हुबली के किसान सोमवार को अपने बैलों को वीकली ऑफ देते हैं. राजेश को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है कि वह हुबली में मिलेट की खेती करने वाले किसान चंद्रकात के खेत पर हैं. यहां पर एक बैल बंधा हुआ है और वह बताते हैं कि यह बैल सिर्फ रविवार तक ही काम करता है. चाहे कोई कितना भी पैसा दे, बैल सोमवार को आराम करता है.

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कर्नाटक के हुबली में बैलों को मिलता है वीकऑफ, सोमवार को किसान खेत में नहीं ले जाते जानवर!  हुबली में बैलों को मिलता है वीकऑफ

कर्नाटक राज्‍य का हुबली जिला खेती बाड़ी के लिए पूरे देश में जाना जाता है. धारवाड़ और हुबली को राज्‍य की ट्विन सिटीज के तौर पर जाना जाता है. पिछले दिनों से हुबली से एक वीडियो आया है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो मशहूर एक्‍टर राजेश कुमार ने 26 मई को अपने इंस्‍टाग्राम हैंडल पर शेयर किया है. राजेश कुमार को आपने कई सुपरहिट शो और फिल्‍मों में देखा है लेकिन उन्‍हें आज भी 'साराभाई वर्सेज साराभाई'  के रोशेश के लिए लोग जानते हैं. राजेश ने इस वीडियो में बताया है कि हुबली के किसान सोमवार को अपने बैलों को वीकली ऑफ देते हैं. सुनकर आपको यकीन नहीं हा रहा है होगा मगर यह सच है. 

सोमवार को रहती है छुट्टी

राजेश को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है कि वह हुबली में मिलेट की खेती करने वाले किसान चंद्रकात के खेत पर हैं. यहां पर एक बैल बंधा हुआ है और वह बताते हैं कि यह बैल सिर्फ रविवार तक ही काम करता है. चाहे कोई कितना भी पैसा दे, बैल सोमवार को आराम करता है. राजेश को खुद भी इस बात पर यकीन नहीं हुआ और उन्‍होंने बताया कि न सिर्फ चंद्रकात बल्कि उस इलाके का हर किसान बैलों को सोमवार के दिन काम पर नहीं भेजता है. 

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क्‍या हो सकती है वजह 

कुछ लोगों ने उनके वीडियो पर कमेंट किया है और बताया कि दरअसल हुबली के लोग भगवान शिव में आस्‍था रखते हैं. ऐसे में वह बैल को नंदी के अवतार के तौर पर देखते हैं और शायद यही वजह हो सकती है कि सोमवार को उन्‍हें 'वीकऑफ'  दिया जाता है.  हुबली और धारवाड़ दोनों ही मुख्‍यत: कृषि प्रधान जिले है.  हुबली, धारवाड़ का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है. यहां का अमरगोल स्थित एपीएमसी लाल मिर्च, प्याज, चावल, कपास और ज्वार के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है. 

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एक्‍टर से किसान बने राजेश 

अगर एक्‍टर राजेश कुमार की बात करें तो साल 2017 में उन्‍होंने एक्टिंग छोड़कर बिहार के अपने गांव में खेती करने का फैसला किया. हालांकि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था. राजेश एक किसान के तौर पर असफल रहे मगर उन्‍होंने हार नहीं मानी है. असफलता के बाद भी उन्‍होंने इस क्षेत्र में काफी कुछ सीखा है और अब उनका मकसद अपनी पॉपुलैरिटी का प्रयोग खेती को बढ़ावा देने और किसानों को उनकी फसल को बेहतर तरीके से बेचने में मदद करना है. साथ ही वह इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के भी इच्‍छुक हैं. 

 

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