क‍िसान नेता राकेश ट‍िकैत ने बताया पराली का समाधान, उठाया गन्ना बकाया का मुद्दा 

क‍िसान नेता राकेश ट‍िकैत ने बताया पराली का समाधान, उठाया गन्ना बकाया का मुद्दा 

राकेश ट‍िकैत ने कहा क‍ि अगर पराली के न‍िस्तारण के इक्विपमेंट हैं तो उसका इस्तेमाल करके सरकार खेत में कटिंग खुद करवा दे. अगर कोई वेस्ट कोई चीज है उसका कटिंग करवा दे. जिम्मेदारी सरकार ले. जो पराली मैनेजमेंट इक्विपमेंट हैं वह सस्ते करके सरकार क‍िसानों को दे. 

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क‍िसान नेता राकेश ट‍िकैत ने बताया पराली का समाधान, उठाया गन्ना बकाया का मुद्दा Farmer leader Rakesh Tikait

क‍िसान नेता राकेश ट‍िकैत ने कहा है क‍ि पराली जलाने का मामला तक सुलझेगा जब इसमें कुछ सामाजिक लोग लगेंगे. सरकारों को भी लगना पड़ेगा. स‍िर्फ प्रेशर देने से नहीं. गांव में अधिकारी जाकर मीटिंग करें. लोगों को भी समझाना पड़ेगा कि इसका निस्तारण क्या हो. कृषि विभाग के लोग गांवों में जाएं और समाधान पर क‍िसानों से बात करें क‍ि इसका निस्तारण कैसे हो. पराली तो 1000 रुपये बीघा बिक रही है. हरियाणा से यहां पर पराली लेकर लोग आ रहे हैं. यहां किसी के पास पराली नहीं है. अगर इसके न‍िस्तारण के इक्विपमेंट हैं तो उसका इस्तेमाल करके सरकार खेत में कटिंग खुद करवा दे. अगर कोई वेस्ट कोई चीज है उसका कटिंग करवा दे. जिम्मेदारी सरकार ले. जो पराली मैनेजमेंट इक्विपमेंट हैं वह सस्ते करके सरकार क‍िसानों को दे. 

बागपत पहुंचे टिकैत ने आगे कहा कि मलकपुर शुगर मिल का हाल देख लो. बजाज वालों का भी यही था. हमने आंदोलन किया तो उन्होंने बकाया दिया. लेकिन मलकपुर और मोदी वाले जो शुगर फैक्ट्री हैं और सिंभावली वाले यह कुछ ग्रुप हैं जिन्होंने पिछला गन्ना मूल्य भी भुगतान नहीं किया. आंदोलन चल रहे हैं. यह तो वैचारिक आंदोलन है जो चलते रहते हैं और चलते रहेंगे. वैचारिक आंदोलन और वैचारिक क्रांति ही दुनिया में परिवर्तन करती है. 

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डरे हुए लोगों का नहीं है कोई इलाज 

टिकैत ने क‍िसानों से कहा कि वो जेल से न डरें तो उनकी जीत हो जाएगी. अगर वो डर गए तो हारेंगे. जैसे यहां बागपत विधानसभा में क्या हुआ. बीजेपी के हारे हुए कैंडिडेट को जीत का सर्टिफिकेट मिला. शामली और मुजफ्फरनगर में क्यों नहीं हुआ. पहले नेता होता था या तो सत्ता में रहता था सत्ता में नहीं रहता था तो कुर्सी पर नजर रखता था. यहां के लोग डरते हैं तो इन डरे हुए लोगों का तो हमारे पास भी कोई इलाज नहीं है. हमने जब गांव में पूछा कि किसी किसान ने वोट दिया तो जवाब कम आया. दरअसल लोग हिंदू-मुसलमान बन के वोट दे रहे हैं. किसान बनकर वोट देंगे तो क‍िसानों के मुद्दे हल होंगे. 

एमएसपी पर राकेश टिकैत ने क्या कहा?

बीजेपी के 450 सौ रुपये के सिलेंडर पर राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी में भाजपा की सरकार है यहां क्यों नहीं करते. यहां किसान नहीं रहते क्या? आम जनता तो यहां भी रहती है. उन्होंने कहा क‍ि अब सभी पॉलिटिकल पार्टियां एमएसपी की बात करने लगी हैं. एमएसपी गारंटी कानून लागू हो, जिससे पूरे देश के किसानों को फायदा हो जाए. यह तो व्यापारियों की सरकार है व्यापारियों को फायदा देगी. ( रिपोर्ट/दुष्यंत त्यागी)

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