राजस्थान-गुजरात में बारिश ने चौपट की जीरे की फसल, खुले बाजार में बढ़ सकते हैं इसके रेट

राजस्थान-गुजरात में बारिश ने चौपट की जीरे की फसल, खुले बाजार में बढ़ सकते हैं इसके रेट

राजस्थान के कई हिस्सों में जीरे की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इसमें दक्षिण और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र प्रमुख हैं. इस क्षेत्र में अलवर, जैसलमेर, जयपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा और बाड़मेर जिले आते हैं. पिछले कुछ हफ्तों में इन सभी जिलों में बेमौसम बारिश हुई है. साथ ही जगह-जगह ओलावृष्टि भी देखी गई है.

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राजस्थान-गुजरात में बारिश ने चौपट की जीरे की फसल, खुले बाजार में बढ़ सकते हैं इसके रेटराजस्थान में बारिश से प्रभावित हुई जीरे की फसल

जीरे (cumin seed) के दाम में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है. कुछ दिनों के लिए इसमें नरमी थी. लेकिन बाजार में इसके भाव फिर से चढ़ने लगे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जिन राज्यों में जीरे का सबसे अधिक उत्पादन होता है, वहां मौसम बिगड़ा हुआ है. राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में जीरे की बड़े पैमाने पर खेती होती है. लेकिन हालिया बारिश ने इन दोनों राज्यों में खेती पर विपरीत असर डाला है. इससे जीरे के भाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है. जीरे का इस्तेमाल मसाला के अलावा औषधीय काम में भी होता है. इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.

राजस्थान के कई हिस्सों में जीरे की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इसमें दक्षिण और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र प्रमुख हैं. इस क्षेत्र में अलवर, जैसलमेर, जयपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा और बाड़मेर जिले आते हैं. पिछले कुछ हफ्तों में इन सभी जिलों में बेमौसम बारिश हुई है. साथ ही जगह-जगह ओलावृष्टि भी देखी गई है. अचानक हुई बारिश से जीरे की पैदावार पर असर हुआ है. किसानों को यह चिंता रही है कि उनके जीरे की फसल का क्या होगा. उत्पादन गिरने की आशंका में किसान परेशान हैं.

दूसरी ओर, बाजारों में जीरा के वायदा भाव में अभी से तेजी दिखने लगी है. उत्पादन गिरने की आशंका के बीच वायदा भावों में गिरावट देखी जा रही है. नेशनल कमॉडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) में अप्रैल के लिए जीरा का वायदा भाव 36,455 रुपये कोट किया गया. इसके एक महीने बाद मई के लिए वायदा भाव 36,600 रुपये प्रति क्विंटल कोट किया गया है. इस तरह एक महीने के अंतर में ही जीरे भाव में 145 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी देखी गई है. इसका असर खुदरा भाव पर भी देखा जाएगा. दाम में तेजी इसलिए देखी जा रही है क्योंकि बारिश से जीरे की फसल प्रभावित हुई है जिससे पैदावार गिरने की आशंका बढ़ गई है.

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कीमतों में बढ़ोतरी की बात करें तो दिसंबर 2022 से अभी तक जीरे का भाव 45 फीसद तक बढ़ चुका है. पिछले साल दिसंबर में यह कीमत 25,085 रुपये हुआ करती थी जो अभी बढ़कर 36 हजार के पार जा चुकी है. आने वाले समय में अभी और तेजी दिखने की संभावना है. उत्तर गुजरात के उंझा स्थित स्पॉट मार्केट में भी जीरे का भाव मजबूत हुआ है. अभी यहां जीरे का भाव 35,399 रुपये प्रति क्लिंटल दर्ज किया जा रहा है. इस बाजार में हर दिन 22,000 से 25,000 बैग की आवक बनी हुई है.

उंझा के जीरा व्यापारी जयंतीभाई पटेल 'बिजनेसलाइन' से कहते हैं, बेमौसम बारिश का सबसे अधिक प्रभाव राजस्थान में देखा जाएगा क्योंकि वहां फसल अभी खेत में ही है. राजस्थान में अभी जीरे की कटाई होने वाली है. ऐसे में हालिया बारिश ने बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचाई है. 15-20 परसेंट तक फसल नुकसान की आशंका जताई जा रही है. दूसरी ओर गुजरात में भी बारिश से फसल प्रभावित हुई है, लेकिन पैदावार में कोई बड़ी कमी दिखने की संभावना नहीं है. लेकिन क्वालिटी जरूर गिरी है जिससे अच्छे माल के दाम तेजी से बढ़ने का अनुमान है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि जीरा में नमी की मात्रा या बदली वाला मौसम बहुत अधिक क्षति पहुंचाता है. राजस्थान और गुजरात में यही हालात पैदा हुए हैं. नमी की वजह से जीरे का रंग काला पड़ जाता है जिससे उसकी बिक्री गिर जाती है. हालांकि इस साल फरवरी महीने में फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स ने एक अनुमान में बताया था कि 2022-23 में देश में 3.84 लाख टन या लगभग 76 लाख जीरे का उत्पादन हो सकता है. यहां एक बैग में 55 किलो जीरा आता है. 

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अनुमान में बताया गया था कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष उत्पादन में 28 परसेंट की वृद्धि हो सकती है. लेकिन हालिया बारिश के बाद इस उत्पादन पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं. राजस्थान और गुजरात में जीरे की खेती का रकबा इस साल बढ़ा है, लेकिन उत्पादन पर बारिश की मार देखी जा सकती है.

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