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हिसार में ओलावृष्टि से 3 लाख एकड़ में लगी फसल बर्बाद, 57000 किसानों ने मुआवजे के लिए किया अप्लाई

हिसार में ओलावृष्टि से 3 लाख एकड़ में लगी फसल बर्बाद, 57000 किसानों ने मुआवजे के लिए किया अप्लाई

जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) चेतना चौधरी ने कहा कि फसल नुकसान के संबंध में अपलोड किए गए डेटा का मिलान जिले के राजस्व विभाग द्वारा संकलित की जा रही गिरदावरी रिपोर्ट के रिकॉर्ड से किया जाएगा. डीआरओ ने कहा कि सरकार फसल नुकसान की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा जारी करेगी.

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हरियाणा में ओलावृष्टि से फसल को पहुंचा नुकसान. (सांकेतिक फोटो) हरियाणा में ओलावृष्टि से फसल को पहुंचा नुकसान. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा के हिसार जिले में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से लगभग 3.23 लाख एकड़ में लग रबी फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. वहीं, अब जिले के 57,000 से अधिक किसानों ने हुए नुकसान की रिपोर्ट कृषि विभाग के पोर्टल ई-क्षतिपूर्ति पर अपलोड की है. दरअसल, किसानों से 2 और 3 मार्च को हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण बर्बाद हुई फसलों का विवरण जमा करने को कहा गया था. राज्य सरकार ने 4 मार्च को पोर्टल खोला था और 15 मार्च को इसे बंद कर दिया गया था.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट की मुताबिक, जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) चेतना चौधरी ने कहा कि फसल नुकसान के संबंध में अपलोड किए गए डेटा का मिलान जिले के राजस्व विभाग द्वारा संकलित की जा रही गिरदावरी रिपोर्ट के रिकॉर्ड से किया जाएगा. डीआरओ ने कहा कि सरकार फसल नुकसान की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा जारी करेगी. विशेष रूप से, कृषि विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि लगभग 1 लाख एकड़ गेहूं और 38,000 एकड़ सरसों की फसल को 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ था, जबकि 4,571 एकड़ सरसों और 230 एकड़ गेहूं की फसल को 76 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है.

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39,065 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद

इसके अलावा, 43,220 एकड़ सरसों और 39,065 एकड़ गेहूं की फसल को 26-50 प्रतिशत नुकसान हुआ है. चूंकि हरियाणा के क्लस्टर-2 जिसमें अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जिंद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम शामिल हैं, को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा कवर नहीं दिया गया था, इसलिए बारिश- और ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है.

सरकार ने शुरू की खास स्कीम

वहीं, कल खबर सामने आई थी कि हरियाणा सरकार की तरफ से भावांतर भरपाई योजना के साथ ही किसानों को उनके हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक खास स्‍कीम की शुरुआत की गई है. किसानों को उनकी उपज की कम कीमत की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार की इस योजना को एक अनूठी पहल करार दिया जा रहा है. राज्‍य के किसान मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना के तहत किसान अपनी फसलों का बीमा करवाकर एक निर्धारित राशि का भुगतान करके फसलों में मुआवजा पा सकते हैं. इस योजना को साल 2021 में शुरू किया गया था और अब तक कई किसानों को इसका फायदा मिल चुका है. 

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