जम्मू कश्मीर में सेब की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. यहां पर सेब के किसानों के लिए मार्च 2025 से बगीचों के लिए बीमा की शुरुआत हो जाएगी. कश्मीर के हॉर्टीकल्चर विभाग की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की तरफ से भी इसी तरह की मांग रखी गई थी. कश्मीर के कुछ हिस्सों में तूफान और ओलावृष्टि की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
कश्मीर न्यूज ऑब्जर्वर ने हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर कश्मीर जहूर अहमद भट के हवाले से बताया है कि सेब के बागों के लिए फसल बीमा मार्च 2025 से उपलब्ध होगा. कुलगाम में तेज हवाओं और ओलावृष्टि की वजह से सेब के बाग पूरी तरह से चौपट हो गए है. भट ने इन बागों का दौरा किया और उसके बाद कहा कि फसल बीमा ओलावृष्टि, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और कम तापमान के कारण होने वाले नुकसान को भी कवर करेगा. भट के अनुसार सरकार प्रीमियम का 95 फीसदी भुगतान करेगी जबकि किसानों को सिर्फ 5 फीसदी ही भुगतान करना होगा.
यह भी पढ़ें-मशरूम की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए रिसर्च, कीड़ाजड़ी किस्म किसानों की बढ़ाएगी कमाई
भट्ट ने कहा कि ओलावृष्टि की वजह से करीब 25 से 30 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और अनुमान है कि 50 से 60 फीसदी तक फसल बर्बाद हो गई है. उन्होंने बताया कि तेज हवाएं और ओलावृष्टि फसल कटाई से ठीक पहले आईं और उससे स्थिति और भी खराब हो गई है. उनका कहना था कि शेर-ए-कश्मीर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और बागवानी विभाग की टीमों ने नुकसान का आकलन किया है. इसके बाद किसानों को अगले कदम उठाने के लिए गाइड किया जा सके. उनका कहना था कि किसानों से अनुरोध है कि कि वो गिरे हुए उत्पादों को इकट्ठा करें और जल्दी से जल्दी बाजार में बेच दें क्योंकि खेतों में छोड़ने से वे सड़ जाएंगे और और नुकसान होगा.
यह भी पढ़ें-खरीफ सीजन में किसानों ने जमकर बोई फसलें, धान, श्रीअन्न, तिलहन और दालों के रकबे में भारी उछाल
उनकी जानकारी के अनुसार विशेषज्ञ सलाह से जुड़ा एक ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं जिसमें क्षतिग्रस्त उत्पादों को संभालने और बेचने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन के बारे में बताया गया है. भट ने बताया कि फसल बीमा के अलावा भी किसानों की मदद के लिए प्रयास जारी हैं. जब उनसे नुकसान से बचने के लिए जाल जैसे सुरक्षात्मक उपायों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि पारंपरिक व्यवस्थाओं में जाल से बागों की सुरक्षा करना काफी चुनौतीपूर्ण है और घने बागों में तो ऐसे विकल्प अकल्पनीय हैं.
यह भी पढ़ें-सोयाबीन किसानों को एमएसपी का दाम मिलेगा, कृषि मंत्री बोले- सरकार करेगी उपज खरीद
स्थानीय किसानों की तरफ से मुआवजे के बारे में चिंताएं जताई गई थीं. इस पर भट्ट का कहना था कि वो समझते हैं कि नुकसान लाखों और करोड़ों की सीमा में है. पिछले मुआवजे अपर्याप्त रहे हैं और इस बार वो बेहतर समर्थन सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं. वहीं किसानों ने तत्काल प्रतिक्रिया के लिए आभार जताया है लेकिन सरकार से आगे के कदम उठाने का भी अनुरोध किया है जैसे कि किसान क्रेडिट कार्ड का कर्ज माफ करना और अतिरिक्त आर्थिक सहायता मुहैया कराना.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today