देश के प्रमुख कॉटन उत्पादक महाराष्ट्र में इस साल किसान कंफ्यूज हैं कि वो कपास बेचें या उसे स्टोर करें. राज्य की ज्यादातर मंडियों में कपास का दाम एमएसपी से ज्यादा है, लेकिन किसानों को उम्मीद उससे ज्यादा दाम मिलने की है, क्योंकि इस साल कम उत्पादन का अनुमान है. किसान इस साल भी 2021 और 2022 की तरह 9000 से 12000 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम मिलने की उम्मीद कर रहे हैं. इस साल भी पिछले महीने कुछ मंडियों में कपास का दाम 8300 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था. लेकिन अब यह गिरकर 7000 से 7500 रुपये प्रति क्विंटल तक स्थिर है. कम उत्पादन के कारण इस साल किसान अभी दाम बढ़ने की उम्मीद रखे हुए हैं. महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर कपास की खेती होती है.
महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार 13 मई को बुलढाणा जिले की देऊलगांव राजा मंडी में 300 क्विंटल लोकल कपास की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 6800, अधिकतम 7465 और औसत दाम 7250 रुपये प्रति क्विंटल रहा. हिंगणघाट मंडी में न्यूनतम दाम 6000 और अधिकतम 7580 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि वरोरा मंडी में सिर्फ 22 क्विंटल की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 7000 और अधिकतम 7320 रुपये क्विंटल रहा.
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केंद्र सरकार ने लंबे रेशे वाले कॉटन का एमएसपी 7020 रुपये जबकि मध्यम रेशे वाले की एमएमपी 6620 रुपये क्विंटल तय की हुई है. इससे कम रेट मिलने पर किसानों को नुकसान होता है. इस समय ज्यादातर मंडियों में किसानों को एमएसपी जितना दाम मिल जा रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में कॉटन का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है, जो पिछले साल से कुछ कम है. वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान में कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. एक गांठ में 170 किलोग्राम कपास आता है. कपास के उत्पादन में कमी के अनुमान की वजह स्व अब भी किसानों को दाम बढ़ने की उम्मीद है.
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