महाराष्ट्र में कपास की खेती करने वाले किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है. पिछले कई महीनों से कपास उचित दाम नहीं मिलने से किसान निराश है. कई किसानों का कहना हैं कि अब कपास कि खेती बंद कर देंगे पिछले साल से ही किसानों को कपास की खेती में नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं मौड़ा मंडी में कपास का न्यूनतम दाम 6000, अधिकतम दाम 7701 और औसत दाम 7340 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. राज्य की कई मंडियों में कॉटन का का दाम 6000 से लेकर 7000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है.
हालांकि कुछ दिन पहले कपास का दाम 8000 रुपये प्रति क्विंटल पहुंचा था जिसके बाद किसानों को उम्मीद थी की अब अच्छा भाव मिलेगा लेकिन मंडियों में एक बार फिर से दाम नीचे गिर गए. इसके चलते किसान चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ कपास की खेती के पीछे उन्होंने 30-35 हजार रुपये खर्च किए हैं तो ऐसे में अगर इतना कम भाव मिलेगा तो कैसे गुजारा होगा.
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वरोरा मंडी में 1125 क्विंटल कॉटन की आवक हुई. यहा न्यूनतम दाम 5650,अधिकतम 7600 और औसत दाम 7000 रुपये क्विंटल रहा.किसानों का कहना हैं कि मंडियों में आवक कम पहुंच रही है फिर भी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए मध्यम रेशे वाले कपास का एमएसपी 6620 रुपये प्रति क्विंटल जबकि लंबे रेशेवाली किस्म का दाम 7020 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. इस हिसाब से किसान एमएसपी से भी कम भाव में कपास बेचने पर मजबूर है.
विदर्भ और मराठवाड़ा के पिछड़े इलाकों में सोयाबीन के बाद कपास लोकप्रिय फसल है, जिस पर किसान आजीविका के लिए निर्भर हैं. यहां के 115 तहसीलों को कपास उत्पादक क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है. वहीं कपास उगाने वाली 115 तहसीलें राज्य के औरंगाबाद, जालना, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, बीड, बुलढाणा, अमरावती, नागपुर, अकोला, यवतमाल, वर्धा, चंद्रपुर, नासिक, धुले, नंदुरबार, जलगाँव और अहमदनगर जिलों में हैं.
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