कोपरा की सप्लाई गिरने से नारियल तेल के भाव में तेजी, 200 रुपये किलो तक पहुंचा रेट

कोपरा की सप्लाई गिरने से नारियल तेल के भाव में तेजी, 200 रुपये किलो तक पहुंचा रेट

नारियल तेल के साथ-साथ कोपरा के भाव भी बढ़ हुए हैं. अभी कोपरा की कीमतें 132 रुपये किलो दर्ज की जा रही है. तमिलनाडु में नारियल तेल का भाव 183 रुपये तो कोपरा का रेट 135 रुपये किलो है. इस मामले में कोचिन ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन (COMA) के अध्यक्ष तलत महमूद ने कहा कि ओणम के बाद से ही नारियल तेल और कोपरा के रेट में वृद्धि देखी जा रही है. बढ़ोतरी का यह ट्रेंड मध्य जनवरी तक जारी रह सकता है जब नारियल का दूसरा सीजन शुरू होगा.

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कोपरा की सप्लाई गिरने से नारियल तेल के भाव में तेजी, 200 रुपये किलो तक पहुंचा रेटनारियल तेल के भाव में तेजी

आजकल नारियल किसानों में बहुत खुशी है. अर्से बाद नारियल तेल के दाम में बड़ी तेजी देखी जा रही है. नारियल तेल के दाम में उछाल की वजह से नारियल (कोपरा) के भाव भी मजबूत बने हुए हैं. इसका सीधा फायदा किसानों को हो रहा है. अभी नारियल तेल का भाव 200 रुपये किलो चल रहा है जो कि कमाई के लिहाज से अच्छा है. व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग के बाद से तेल के भाव में तेजी है. उस दिन इसका भाव 196 रुपये किलो था जो बुधवार को बढ़कर 203 रुपये किलो पर पहुंच गया.

नारियल तेल के साथ-साथ कोपरा के भाव भी बढ़ हुए हैं. अभी कोपरा की कीमतें 132 रुपये किलो दर्ज की जा रही है. तमिलनाडु में नारियल तेल का भाव 183 रुपये तो कोपरा का रेट 135 रुपये किलो है. इस मामले में कोचिन ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन (COMA) के अध्यक्ष तलत महमूद ने कहा कि ओणम के बाद से ही नारियल तेल और कोपरा के रेट में वृद्धि देखी जा रही है. बढ़ोतरी का यह ट्रेंड मध्य जनवरी तक जारी रह सकता है जब नारियल का दूसरा सीजन शुरू होगा.

नारियल की सप्लाई गिरने से बढ़े तेल के दाम

इससे पहले 2017-18 और 2021-22 में नारियल तेल के दाम में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई थी. उस वक्त दाम 204 रुपये और 209 रुपये किलो तक पहुंच गया है. दाम बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजह इसकी सप्लाई में आई कमी बताई जा रही है. एक्सपर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया के बाजारों में नारियल तेल की सप्लाई में गिरावट है जिसकी वजह से भाव बढ़े हुए हैं. दुनिया के जिन देशों में नारियल की खेती होती है, वहां क्लाइमेट चेंज और सूखे की वजह से उत्पादन में 50 फीसद तक गिरावट रही. इसका असर अब सप्लाई पर देखा जा रहा है.

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दाम बढ़ने के पीछे एक और बड़ा कारण है. यूरोपीय देशों में प्रस्तावित यूरोपियन यूनियन डीफॉरेस्टेशन रेगुलेशन्स (EUDR) में कच्चे पाम ऑयल पर हमला बोला गया है. इससे बाजारों में नारियल तेल को अधिक तरजीह मिलने लगी है. खासकर कई सामानों के निर्माण में नारियल तेल का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में होता है. इसलिए नारिलय तेल की मांग बढ़ी है जिसका नतीजा दाम में उछाल के रूप में देखा जा रहा है.

तेल के दाम में जारी रहेगी बढ़ोतरी

नारियल उद्योग से जुड़े कंसल्टेंट केके देवराज ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि कच्चे और रिफाइंड तेल के आयात शुल्क में बढ़ोतरी होने से पाम तेल, सूरजमुखी, सोया और अन्य तेलों के भाव में बढ़ोतरी हुई है. कुछ ऐसा ही असर नारिलय तेल के दाम पर दिख रहा है. नारियल के दाम बढ़े हैं, लेकिन केरल के किसानों को इसका बहुत अधिक फायदा नहीं मिल रहा है क्योंकि उनके पास अधिक मात्रा में कोपरा नहीं है. ऐसी भी खबर है कि केरल के किसान और व्यापारियों ने कोपरा की खेप रोक रखी है क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि आगे चलकर इसके भाव में और तेजी आएगी.

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अगले हफ्ते सबरीमाला यात्रा शुरू होने वाली है जिसमें नारियल तेल की अधिक खपत होती है. उस दौरान भी नारियल तेल के भाव में बढ़ोतरी देखी जाएगी. एक्सपर्ट मानते हैं कि अलग-अलग परिस्थितियों को देखते हुए इस साल के अंत तक या अगले साल नारियल की नई खेप आने तक तेल के दाम में बढ़ोतरी बनी रहेगी. इसके अलावा, लोगों में अब नारियल के प्रोडक्ट जैसे कि नारियल का दूध, जूस आदि की मांग देखी जा रही है जिसका असर उसके बढ़े हुए रेट पर दिख रहा है.

 

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