छत्तीसगढ़ के किसानों से राज्य सरकार ने इस बार जमकर धान की खरीद की है. पिछले साल के मुकाबले इस बार 4 फीसदी धान की अधिक खरीद की गई है. इसकी वजह से 27 लाख रजिस्टर्ड किसानों को एमएसपी का लाभ मिला है. किसानों के खाते में उपज खरीद के बदले 31 हजार करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है. अब राज्य सरकार 800 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की तैयारी कर रही है. इसी सप्ताह धान खरीद की बोनस राशि किसानों के खाते में पहुंचने की उम्मीद की जा रही है.
छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि विभाग के अनुसार 2024-25 सीजन के लिए 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है, जो खरीद का नया रिकॉर्ड है. बीते साल 2023-24 में राज्य में 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी, जो मौजूदा खरीद की तुलना में करीब 4 फीसदी कम है. धान के लिए तय एमएसपी के साथ ही बोनस राशि की घोषणा के चलते राज्य के किसानों के लिए सरकारी क्रय केंद्रों पर उपज बेचना फायदेमंद रहा है.
राज्य जनसंपर्क विभाग के अनुसार 14 नवंबर 2024 को धान की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शुरू हुई थी और ढाई महीने लंबा धान खरीद अभियान 31 जनवरी 2025 को खत्म हुआ है. इस दौरान 25,49,592 किसानों से 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के साथ अब तक का सबसे हाईएस्ट रिकॉर्ड बनाया गया है. धान खरीद के लिए 160 लाख मीट्रिक का टारगेट रखकर खरीद शुरू की गई थी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक धान की खरीद महासमुंद जिले से 11.04 लाख मीट्रिक टन की गई है. इसके बाद बेमेतरा से 9.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है. जबकि, बलौदा बाजार-भाटापारा ने 8.56 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है. अधिकारी ने कहा कि अब तक कुल खरीदे गए धान में से 103 लाख मीट्रिक टन को कस्टम मिलिंग के लिए उठाया जा चुका है और इस उद्देश्य के लिए 4,102 चावल मिलर्स को रजिस्टर भी किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि सरकार ने धान खरीद के एवज में किसानों के बैंक खातों में 31,089 करोड़ रुपये भेज जा चुके हैं. राज्य सरकार ने किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा है. इसमें से केंद्र की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये रहा है, जबकि राज्य सरकार ने किसानों को 800 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है. किसानों को बोनस राशि का वितरण जल्द ही शुरू किया जाएगा. मुख्यमंत्री पहले कह चुके हैं कि फरवरी से धान का बोनस का वितरण शुरू होगा.
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