पंजाब में धान उठान (paddy lifting) की समस्या कुछ सुलझ सकती है क्योंकि केंद्र सरकार ने प्रदेश में 22 मीट्रिक टन धान स्टोरेज की जगह के लिए मंजूरी दे दी है. अभी तक इसी समस्या को लेकर किसान, आढ़तिये और मजदूर लगातार केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे थे. स्टोरेज यानी कि गोदाम की कमी के चलते धान उठान में देरी हो रही है जिससे किसानों और आढ़तियों में नाराजगी है. लेकिन केंद्र के हालिया फैसले से यह नाराजगी कुछ कम होती नजर आ रही है.
एक अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब में भंडारण (स्टोरेज) की कमी के कारण धान का उठान न होने को लेकर चल रहे विरोध के बीच, केंद्र ने सोमवार को राज्य के लिए 22 लाख मीट्रिक टन की नई स्टोरेज सुविधा को मंजूरी दे दी है और पंजाब राज्य भंडारण निगम इसके लिए टेंडर जारी करने वाला है.
'दि ट्रिब्यून' से बात करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, "हम पंजाब के कवर्ड गोदामों में पड़े पिछले खाद्यान्न स्टॉक को समाप्त करके दिसंबर तक 40 लाख टन भंडारण क्षमता बनाने के अपने वादे के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं." राज्य में पहले से ही खुले स्टोरेज में पड़े अनाज के धीमे उठान पर जोशी ने कहा, "पंजाब से इन स्टॉकों को निकालना हमारी पहली प्राथमिकता है और अभी सबसे अधिक संख्या में ट्रेनें पंजाब के लिए तैनात हैं."
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पंजाब में पिछले अनाज स्टॉक को खत्म करने में मदद के लिए करीब 130 रेक (विशेष रेलगाड़ियां) तैनात हैं. रेल मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, "ट्रेनें वहां हैं और जब भी हमें फ्रेट बिजनेस डेवलपमेंट पोर्टल पर उस स्टॉक को ले जाने के लिए इंडेंट मिलता है, हम अनाज ले जाते हैं." दैनिक ट्रिब्यून की रिपोर्ट बताती है कि पंजाब राज्य अनाज खरीद निगम 30 स्थानों पर 9 लाख मीट्रिक टन नए भंडारण स्थान बनाने के लिए एक टेंडर पर भी काम कर रहा है और इसके लिए उसे 130 आवेदन मिले हुए हैं. इस टेंडर को अगले सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पंजाब क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक बी श्रीनिवासन ने कहा कि अक्टूबर में पिछले स्टॉक को खाली करने के लिए रोजाना 15-18 ट्रेनें चलाई गईं और अब तक 8 एलएमटी अनाज उठाया जा चुका है. श्रीनिवासन ने कहा, "अक्टूबर का लक्ष्य पिछले स्टॉक के 13 एलएमटी को निकालना है. दिसंबर तक हम 40 एलएमटी और मार्च तक 90 एलएमटी भंडारण स्थान बना लेंगे. 30 जून तक जब तक हम पंजाब से पूरे 124 लाख टन चावल खरीद लेंगे, तब तक हमारे पास पूरी जरूरी जगह होगी. चिंता की कोई बात नहीं है."
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इससे पहले, पंजाब के खाद्य मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा था कि अप्रैल से राज्य से केवल 3-4 एलएमटी चावल ही बाहर भेजा गया है. हालांकि, एफसीआई ने कहा कि पिछले सीजन की खरीद के बाद से ही आवाजाही हो रही है. एफसीआई अधिकारियों ने कहा कि 22 एलएमटी नए भंडारण स्थान से दबाव कम होगा.
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