Onion Price: भारी विरोध के बाद प्याज की एक्सपोर्ट ड्यूटी पर केंद्र का बड़ा फैसला, किसानों को मिलेगा फायदा

Onion Price: भारी विरोध के बाद प्याज की एक्सपोर्ट ड्यूटी पर केंद्र का बड़ा फैसला, किसानों को मिलेगा फायदा

भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाया गया 20 प्रतिशत शुल्क वापस ले लिया है. केंद्र का यह आदेश 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा. उपभोक्ता मामले विभाग के संचार पर राजस्व विभाग ने आज इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी की है. काफी लंबे समय से किसान इसे हटाने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने अब जाकर इस पर निर्णय लिया है.

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Onion Price: भारी विरोध के बाद प्याज की एक्सपोर्ट ड्यूटी पर केंद्र का बड़ा फैसला, किसानों को मिलेगा फायदासरकार ने प्‍याज से निर्यात शुल्‍क हटाया. (सांकेतिक तस्‍वीर)

भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाया गया 20 प्रतिशत शुल्क वापस ले लिया है. केंद्र का यह आदेश 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा. उपभोक्ता मामले विभाग के संचार पर राजस्व विभाग ने आज इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी की है. काफी लंबे समय से किसान इसे हटाने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने अब जाकर इस पर निर्णय लिया है. हाल ही में पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्‍ट्र समेत कई हिस्‍सों से सरकार को इसे लेकर किसानों से लेकर व्‍यापारियों और निर्यातकों तक का विरोध झेलना पड़ रहा था. भारत में प्‍याज की कीमत एक ऐसा मुद्दा है, जो सत्‍ताधारी दल के आंसू ला सकती है. पिछले साल महाराष्‍ट्र में लोकसभा चुनावों के परि‍णामों में भी सत्‍ताधारी एनडीए सरकार को प्‍याज किसानों की नाराजगी के कारण कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था.

पिछले साल मई में लगाया था 40 प्रतिशत शुल्‍क

केंद्र सरकार ने पिछले साल मई में प्‍याज के निर्यात पर 40 प्रत‍िशत शुल्‍क लगाया था, लेकिन सितंबर 2024 में इसे घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया था और तब से इसी शुल्‍क के साथ एक्‍सपोर्ट किया जा रहा था, शुल्‍क के कारण भारतीय प्‍याज अन्‍य देशों के सस्‍ते प्‍याज के चलते वैश्व‍िक बाजार में मुकाबला नहीं कर पा रहा था. माना जाता है कि सरकार ने महाराष्‍ट्र चुनाव के मद्देनजर ही प्‍याज से 20 प्रतिशत निर्यात शुल्‍क घटाया था.

बंपर उत्‍पादन के कारण गिरे प्‍याज के दाम

वहीं, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय की ओर से हाल ही में प्‍याज के रकबे और उत्‍पादन के अनुमान को लेकर जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल प्‍याज की बुवाई में भारी उछाल देखा गया है. महराष्‍ट्र के अलावा कई अन्‍य राज्‍यों में भी रकबा बढ़ा है. इसलिए इस बार बंपर उत्‍पादन का अनुमान है. घरेलू मंडियों में अभी से ही प्‍याज की बहुत ज्‍यादा आवक बढ़ गई है, इसलिए कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. इससे या तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है या फिर उपज बेचकर उतना रिटर्न नहीं मिल रहा है.

18 मार्च तक 11.65 LMT प्‍याज निर्यात हुआ 

सरकार ने अपने बयान में कहा है कि निर्यात प्रतिबंध के बावजूद, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल प्याज निर्यात 17.17 एलएमटी और वित्त वर्ष 2024-25 (18 मार्च तक ) 11.65 एलएमटी था. मासिक प्याज निर्यात मात्रा सितंबर 2024 में 0.72 एलएमटी से बढ़कर जनवरी 2025 में 1.85 एलएमटी हो गई है. 

227 LMT प्‍याज उत्‍पादन का अनुमान

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुमान के अनुसार, इस साल रबी प्‍याज का उत्पादन 227 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) है, जो पिछले वर्ष के 192 एलएमटी से 18 प्रतिशत ज्‍यादा है. भारत के कुल प्याज उत्पादन में रबी प्याज का योगदान 70-75% है, जो अक्टूबर/नवंबर से खरीफ फसल के आने तक समग्र उपलब्धता और कीमतों में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. इस सीजन में अनुमानित उच्च उत्पादन से आने वाले महीनों में बाजार की कीमतों में और कमी आने की उम्मीद है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बेंचमार्क मार्केट लासलगांव और पिंपलगांव में प्याज की आवक इस महीने से बढ़ गई है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है. 21 मार्च 2025 को लासलगांव और पिंपलगांव में मॉडल कीमतें क्रमशः 1330 रुपये प्रति क्विंटल और 1325 रुपये प्रति क्विंटल थीं. हालांकि, मौजूदा मंडी कीमतें पिछले वर्षों की इसी अवधि के स्तर से ऊपर हैं, फिर भी अखिल भारतीय भारित औसत मॉडल कीमतों में 39% की गिरावट देखी गई है. इसी तरह, पिछले एक महीने में अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में 10% की गिरावट दर्ज की गई. 

 

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