Cotton: सस्ता कपास खरीदने का सुनहरा मौका, CCI ने शुरू किया ये डिस्काउंट ऑफर

Cotton: सस्ता कपास खरीदने का सुनहरा मौका, CCI ने शुरू किया ये डिस्काउंट ऑफर

सीसीआई ने सस्ता कपास बिक्री का ऑफर शुरू किया है. इस ऑफर के जरिये व्यापारियों और सरकारी संस्थाओं को सस्ते में कपास बेचा जा रहा है. सीसीआई एक क्लीयरेंस सेल के तहत अपना स्टॉक खत्म कर रहा है क्योंकि अक्टूबर में कपास की बंपर आवक शुरू हो जाएगी.

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Cotton: सस्ता कपास खरीदने का सुनहरा मौका, CCI ने शुरू किया ये डिस्काउंट ऑफरकपास पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप

कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने एक शानदार ऑफर शुरू किया है. इसे कपास का क्लीयरेंस सेल ऑफर बोल सकते हैं. इस ऑफर में सीसीआई सस्ते रेट पर कपास बेच रहा है. सीसीआई ने कहा है कि साल के अंत में बचा मौजूदा स्टॉक खत्म करने के लिए वह बल्क डिस्काउंट स्कीम लेकर आया है. इसकी शुरुआत सोमवार से की गई है. अक्तूबर में कपास का नया सीजन शुरू होने वाला है, उससे पहले सीसीआई डिस्काउंट ऑफर लेकर आया है. इससे सीसीआई की कमाई बढ़ेगी, साथ ही उसे क्लीयरेंस स्टॉक खत्म करने का मौका मिलेगा.

CCI के इस सेल को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. अभी तक 1.85 लाख कपास के बेल बिक चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक,  व्यापारियों ने सीसीआई से 1.22 लाख बेल्स और मिलर्स ने 63,600 बेल्स कपास की खरीद की है. यह कपास पिछले सीजन का और अगला सीजन अक्तूबर से शुरू होने वाला है. अभी हाल में सीसीआई ने कपास का फ्लोर प्राइस भी घटा दिया है. प्रति कैंडी 300 रुपये तक की गिरावट की गई है. एक कैंडी में 356 किलो कपास होता है.

CCI ने घटाया कपास का फ्लोर प्राइस

19 अगस्त के बाद सीसीआई ने चार बार कपास का फ्लोर प्राइस घटाया है. दाम में चौथी कमी 300 रुपये प्रति कैंडी की रही है. 19 अगस्त के बाद सीसीआई ने फ्लोर प्राइस में 2,000 रुपये तक की कमी की है. 19 अगस्त को ही केंद्र सरकार ने कपास पर से इपोर्ट ड्यूटी हटाने का ऐलान किया था. पहले कपास पर 11 फीसद आयात शुल्क लगता था. मगर सरकार ने इसे दिसंबर तक के लिए शून्य कर दिया है. किसान और किसानों के कई संगठनों ने इंपोर्ट ड्यूटी हटाने पर सख्त ऐतराज जताया है.

300 रुपये प्रति कैंडी की छूट, शुरुआत में अपनी वेबसाइट पर 400 रुपये प्रति कैंडी की पेशकश के अतिरिक्त है. यह छूट केवीआईसी इकाइयों, सहकारी कताई मिलों, एमएसएमई कताई मिलों और संस्थागत मिलों जैसे खरीदारों के लिए थी, जो प्रतिदिन न्यूनतम 2,500-4,999 गांठें खरीदते थे. निजी कपड़ा मिलें भी 5,000-9,999 गांठें और व्यापारी 10,000-24,999 गांठें खरीदकर इस छूट का लाभ उठा सकते हैं.

सीसीआई केवीआईसी इकाइयों, सहकारी कताई मिलों, एमएसएमई कताई मिलों और संस्थागत कताई मिलों द्वारा 5,000 गांठों से अधिक, निजी कपड़ा मिलों द्वारा 10,000 गांठों से अधिक और व्यापारियों द्वारा 25,000 गांठों से अधिक की खरीद पर 600 रुपये प्रति कैंडी की अतिरिक्त छूट भी दे रहा है. यह डिस्काउंट ऑफर 1-15 सितंबर के पखवाड़े के दौरान की गई खरीदारी पर लागू होगी.

कपास का आयात शुल्क खत्म

2024-25 सीजन के लिए, इसने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 170 किलोग्राम प्रति गांठ की लगभग एक करोड़ गांठें खरीदी थीं. इस साल 14 अगस्त तक, इसने खरीदी गई मात्रा में से लगभग 72 लाख गांठें बेचीं. भारतीय कपड़ा क्षेत्र को 50 प्रतिशत के अमेरिकी टैरिफ से निपटने में मदद करने के लिए, सरकार ने पिछले महीने साल के अंत तक कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क हटा दिया है, जिससे ब्राज़ील, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका जैसे देशों से सस्ती कपास फसल की खरीद संभव हो गई. कपास की वैश्विक कीमतें भारतीय कीमतों की तुलना में 10-12 प्रतिशत कम हैं.

नई कपास की फसल सितंबर के मध्य से शुरू होने की उम्मीद है, और आयात शुल्क हटने के बाद घरेलू कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है. सितंबर 2025 में समाप्त होने वाले सीज़न के लिए आयात रिकॉर्ड 40 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 15 लाख गांठों से दोगुने से भी ज्यादा है. व्यापार जगत का अनुमान है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान आयात लगभग 20 लाख गांठ तक पहुंच जाएगा.

हाल ही में, सीसीआई के अध्यक्ष ललित कुमार गुप्ता ने 'बिज़नेसलाइन' को बताया कि आयात शुल्क हटने के बाद घरेलू कीमतों पर दबाव पड़ने की आशंका के बीच, सरकारी संस्था अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीज़न के लिए बाज़ार में हस्तक्षेप के लिए तैयार है.

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