अभी तक बिहार के जिन किसानों ने धान का बीजड़ा नहीं डाला है. वैसे किसानों को निराश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि वे कम अवधि वाले धान के बीज की नर्सरी डाल सकते हैं. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के द्वारा उत्पादित अल्प अवधि के धान का बीज किसानों के दरवाजे तक भेजने के लिए किसान ज्ञान रथ की शुरुआत की गई है. इसमें भागलपुर और बांका जिले के विभिन्न स्थानों पर जाकर किसानों को 10 जुलाई तक बीज देने की योजना है. अन्य जिले के किसान फोन के जरिए विश्वविद्यालय से बीज से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं. विश्वविद्यालय के बीज एवं प्रक्षेत्र विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ फिजा अहमद कहते हैं कि मई -जून के महीने में अधिक तापमान होने की वजह से बहुत से किसान धान का बीजड़ा नहीं डाल पाए थे. वैसे किसान 110 से लेकर 155 दिनों में तैयार होने वाले धान के बीज का बीजड़ा अभी भी डाल सकते हैं. साथ ही किसान भाई कम समय में बेहतर धान का उत्पादन ले सकते है. किसान धान की नर्सरी अभी भी 20 जुलाई तक डाल सकते हैं.
वैसे बिहार में मानसून के आगमन होने के साथ ही 25 मई के बाद जिन किसानों ने लंबी अवधि के लिए धान का बीजड़ा डाला था. उनकी नर्सरी धान की रोपाई के लिए तैयार हो चुकी है. वहीं सूबे के कई जिलों में सावन महीने में रोपाई भी शुरू कर चुकी हैं. मगर जिन किसानों ने किसी कारण से धान का बीजड़ा अभी तक नहीं डाल पाए हैं, उनके लिए अभी भी विकल्प खुले हैं.
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अभी जिन किसानों ने धान की नर्सरी नहीं डाली है, वे 110 से 125 दिन के बीच तैयार होने वाले धान की किस्म का चयन कर सकते हैं. जिसमें सबौर हर्षित, सबौर अर्धजल, सबौर दीप, सबौर सुरभित, राजेन्द्र सुभाषनी शामिल हैं. सबौर दीप 110-115 दिन में पक जाएगा. इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 35-40 क्विंटल के बीच है. इसका दाना लम्बा महीन होता है. वहीं अन्य धान के किस्म 120 से 125 दिन के बीच में तैयार होंगे. जिनमे सबौर हर्षित, सबौर अर्धजल का उत्पादन करीब 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. वहीं सुगंधित व महीन धान में सबौर सुरभित का उत्पादन 30 से 40 क्विंटल और राजेन्द्र सुभाषनी का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 45-50 क्विंटल के आसपास है. इन सभी धान के किस्मों की खेती कम पानी एवं ऊपरी जमीन में करने योग्य है. इसके साथ ही किसान 140 से 155 दिन के बीच में पकने वाली धान के बीज में राजेन्द्र महसूरी, सबौर श्री, सबौर सम्पन्न बीज का चयन कर सकते हैं. इन सभी का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंटल है. इसकी खेती नीची वाली जमीन में की जाती है. इनके दाने मध्यम आकार के होते हैं.
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प्रोफेसर डॉ फिजा अहमद ने किसान तक को बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा उत्पादित धान बीज को किसानों के द्वार भेजने के लिए किसान ज्ञान रथ की व्यवस्था की गयी है. इस रथ के जरिए धान की सबौर श्री, सबौर सम्पन्न, सबौर दीप, सबौर हर्षित, सबौर अर्धजल, सबौर सुरभित, राजेन्द्र सुभाषनी, राजेन्द्र महसूरी के उन्नत बीज भागलपुर और बांका जिले में बिक्री की जाएगी. वहीं दूसरे जिलों के किसान 8677889091, 9473196203 पर फोन करके जानकारी हासिल कर सकते हैं. यह रथ 8 जुलाई को जगदीशपुर, रजौन, 9 जुलाई को बांका एवं 10 को खेसर, शंभूगंज, अमरपुर के लिये रवाना होगी. ज्ञान रथ प्रखंड के मुख्यालय पर बिक्री के लिए खड़ी रहेगी. सामान्य धान बीज की दर प्रति किलो 42 से 44 है, जबकि भागलपुरी कतरनी का दर 78 रु0 प्रति किलो है.
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