बासमती चावल के भौगोलिक संकेत यानी जीआई टैग की लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही है. यह मामला कई बार मोड़ ले चुका है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान को जीआई टैग देने को लेकर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने मान्यता दे दी है. हालांकि, अभी यूरोपियन यूनियन से फैसला आना बाकी है. बता दें कि बासमती चावल पर अधिकार की लड़ाई लंबे समय से पाकिस्तानी और भारत के बीच चल रही है. कहा जा रहा है कि जो देश जीआई टैग का दर्जा हासिल करेगा उसके पास बासमती चावल के लिए वैश्विक मूल्य निर्धारित करने का अधिकार होगा.
बासमती चावल सुगंधित लग्जरी चावल ब्रांड में आता है. यह दोनों देशों के लिए एक प्रमुख कृषि प्रोडक्ट भी है. बासमती चावल की खेती भारत और पाकिस्तान के अलावा कहीं नही की जाती है. पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों में कहा गया है कि न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने आधिकारिक तौर पर बासमती को पाकिस्तानी प्रोडक्ट के रूप में मान्यता दी है. जबकि यूरोपीय संघ से भी पाकिस्तान के पक्ष में निर्णय आने की उम्मीद की जा रही है.
ऐसे में बासमती चावल पर भारतीय दावों को झटका लगा है. हालांकि, यूरोपीय यूनियन से फैसला आना बाकी है. भारत बासमती का जीआई टैग पाने के लिए हर कोशिश कर रहा है. लेकिन, अगर जीआई टैग भारत को नहीं मिलता है तो भारतीय बासमती चावल के निर्यात पर बुरा असर दिख सकता है. क्योंकि, बासमती अपनी सुगंध और स्वाद के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है और इसे अमेरिका, खाड़ी देश समेत दुनियाभर के कई देश भारत से बासमती चावल की खरीद करते हैं.
बासमती चावल निर्यात के लिए वैश्विक बाजार में भारत का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान है. कीमतों को लेकर अकसर वह भारतीय निर्यातकों को नुकसान पहुंचाता रहता है. भारत से बासमती चावल का निर्यात 48 हजार करोड़ रुपये का है. अगर जीआई टैग की लड़ाई में हार मिलती है तो निर्यात आंकड़ों पर बुरा असर दिख सकता है. क्योंकि, बासमती चावल विदेशी मुद्रा भारत लाने का बड़ा जरिया है. भारत अकेले दुनियाभर की कुल जरूरत का 40 फीसदी पूरा करता है.
GI टैग प्रोडक्ट को उनकी स्वीकृत क्वालिटी के चलते ऊंचे दामों पर बेचने में सक्षम बनाता है. रिपोर्ट के अनुसार दोनों देश इस दर्जे को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि जो देश जीआई टैग का दर्जा हासिल करेगा उसके पास बासमती चावल के लिए वैश्विक मूल्य निर्धारित करने का अधिकार होगा. भारत की उम्मीदें यूरोपीय यूनियन पर टिकी हैं कि उसे जीआई टैग मिले.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today