ऑस्ट्रेलिया को उम्मीद है कि भारत सरकार इस साल के अंत में गेहूं के आयात शुल्क में कटौती करेगी, ताकि घरेलू स्तर पर ऊंची कीमतों को कम किया जा सके. वर्तमान में गेहूं की बाजार कीमत किसान से खरीद मूल्य यानी एमएसपी की तुलना में 500-600 रुपये प्रति क्विंटल अधिक चल रही है. जबकि, मौसम परिस्थितियों को देखते हुए कहा जा रहा है कि उत्पादन अनुमानों में गिरावट देखी जा सकती है. ऐसे में घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए भारत ऑस्ट्रेलिया से गेहूं की खरीद कर सकता है.
इंडिया पल्स ब्रीफिंग (India Pulse Briefing) में ऑस्ट्रेलिया के कृषि, मत्स्य पालन और वानिकी विभाग के कृषि सलाहकार किरण कर्मिल ने शुक्रवार को कहा कि ऑस्ट्रेलियाई किसानों के लिए भारत में गेहूं निर्यात के अवसर खुलने की संभावना है. भारत सरकार कीमतों को कम करना चाहेगी. उन्होंने ब्रीफिंग में कहा कि हमें इस साल के मध्य तक शुल्क में कटौती की उम्मीद है. उधर, ऑस्ट्रेलिया की सरकारी अनाज खरीद एजेंसी ऑस्ट्रेड की दक्षिण एशिया प्रमुख मोनिका कैनेडी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ मुक्त व्यापार के लिए एक व्यापक आर्थिक समझौता सहकारी समझौते (CECE) पर बातचीत कर रहा है.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय 1150 लाख मीट्रिक टन के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का टारगेट बना रहा है. कुछ पूर्वानुमानों में 1164 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि फरवरी में सामान्य से कम बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है. आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जनवरी से 14 फरवरी के बीच लगभग 90 फीसदी क्षेत्र में कम या कोई बारिश नहीं हुई. इसके अलावा अक्टूबर-दिसंबर 2024 के दौरान देश के 60 फीसदी से अधिक हिस्से में मानसून के बाद कम बारिश हुई. इसे देखते हुए इंडस्ट्री का एक वर्ग कम गेहूं की फसल का अनुमान लगा रहा है.
ताज आंकड़ों के अनुसार एफसीआई गेहूं का स्टॉक 1 फरवरी तक 16.17 मीट्रिक टन था, जो एक साल पहले की समान अवधि के 13.27 मीट्रिक टन से 22 फीसदी ज्यादा है. लेकिन, व्यापारियों का तर्क है कि एफसीआई कीमतें नीचे लाने के लिए हर सप्ताह 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में बेच रहा है. इससे 1 अप्रैल तक खाद्यान्न स्टॉक घटकर 0.5 मीट्रिक टन से नीचे आ सकता है. जबकि, 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद भी शुरू होगी. कृषि मंत्रालय की यूनिट एगमार्कनेट के आंकड़ों के अनुसार देश भर में कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में गेहूं का औसत मूल्य वर्तमान में 2879 प्रति क्विंटल है. जबकि, कुछ मंडियों में गेहूं का वर्तमान मूल्य 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई व्यापार और निवेश आयोग के मुंबई स्थित वरिष्ठ व्यापार और निवेश आयुक्त जॉन साउथवेल के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के गेहूं उत्पादकों को भारत में बड़ा अवसर मिल सकता है. उन्होंने कहा कि देश को घरेलू खपत, बुवाई के साथ ही चारे और औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गेहूं की जरूरत को पूरा करने के लिए भारत गेहूं के आयात पर 44 फीसदी शुल्क लगाता है.
ऑस्ट्रेड की दक्षिण एशिया प्रमुख मोनिका कैनेडी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ मुक्त व्यापार के लिए एक व्यापक आर्थिक समझौता सहकारी समझौते (CECE) पर बातचीत कर रहा है. यह अस्थायी आर्थिक सहयोग व्यापार समझौते (ECTA) को सीईसीए में बदलने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमें मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भारतीय सरकार से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.
ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और बाजार पहुंच के वरिष्ठ प्रबंधक पीटर ब्रुगेट ने कहा कि कैनबरा नॉन टैरिफ बाधाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि पंजाब में उगाया जाने वाला गेहूं मिलिंग की क्वालिटी के अनुरूप नहीं है और इसलिए ऑस्ट्रेलियाई गेहूं भारत की मिलिंग मांग को पूरा कर सकता है. साउथवेल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत को जई (barley) का प्रमुख सप्लायर है. ब्रुगेट ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई जौ के पास भारत में बाजार हासिल करने की अच्छी संभावनाएं हैं.
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